केंद्रीय कर्मचारियों को मिली गुड न्यूज- महंगाई भत्ते के बाद अब PF के ब्याज को लेकर आई राहत भरी खबर
General Provident Fund Interest rate: भारत सरकार में संयुक्त सचिव आशीष वच्छानी के मुताबिक, साल 2022-2023 के दौरान GPF-सामान्य भविष्य निधि और दूसरी निधियों के उपभोक्ताओं की कुल जमा रकम पर ब्याज दर 1 अप्रैल, 2022 से 30 जून, 2022 तक 7.1% होगी.
General Provident Fund Interest rate: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. महंगाई भत्ता बढ़ने के बाद अब उनके जनरल प्रोविडेंट फंड (General Provident fund) में भी इजाफा हुआ है. अप्रैल से जून 2022 तिमाही के लिए GPF की ब्याज दरें जारी कर दी गई हैं. लगातार बढ़ती महंगाई और घटते ब्याज के बीच GPF पर सरकार ने राहत दी है. अप्रैल-जून तिमाही के लिए ब्याज दर को 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. मतलब आपके अकाउंट में जमा पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिलता रहेगा. General Provident Fund केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि फंड है. इसमें EPF की तरह सरकार या एम्प्लॉयर का योगदान नहीं होता. इसमें कर्मचारी अपनी सैलरी से योगदान देते हैं.
सरकार की तरफ से दी गई जानकारी
भारत सरकार में संयुक्त सचिव आशीष वच्छानी के मुताबिक, साल 2022-2023 के दौरान GPF-सामान्य भविष्य निधि और दूसरी निधियों के उपभोक्ताओं की कुल जमा रकम पर ब्याज दर 1 अप्रैल, 2022 से 30 जून, 2022 तक 7.1% होगी. यह दर 1 अप्रैल, 2022 से लागू है. जुलाई में इसकी फिर समीक्षा की जाएगी. अगली तिमाही के लिए नई ब्याज दर समीक्षा के बाद ही तय की जाएगी. जीपीएफ में सरकारी नियमों के अनुसार ब्याज दर रिवाइज होती है. सामान्य भविष्य निधि (General Provident Fund) सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए है. यह पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है.
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GPF के लिए कौन है पात्र?
GPF (केंद्रीय सेवा) नियम 1960 के मुताबिक, सभी अस्थायी सरकारी कर्मचारियों को एक वर्ष की निरंतर सेवा के बाद सभी पुन: नियोजित पेंशनरों (प्रोविडेंट फंड में प्रवेश के लिए पात्र के अलावा अन्य) और सभी स्थायी सरकारी कर्मचारी इस फंड की सदस्यता के पात्र हैं.
टैक्स के दायरे में आएगा GPF
GPF अकाउंट में 5 लाख रुपए से ज्यादा के योगदान पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. CBDT ने 1 अप्रैल 2022 से नया इनकम टैक्स नियम लागू कर दिया है. इसमें Employee Provident Fund और GPF अकाउंट में लिमिट को कैप किया गया है. EPF खाते में एक कारोबारी साल में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा जमा के ब्याज पर टैक्स लगेगा. वहीं, GPF खाते में ये लिमिट 5 लाख रुपए से ऊपर के लिए रखी गई है. ध्यान रहे, 5 लाख रुपए से ऊपर जितना योगदान होगा, सिर्फ उसके ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स लगेगा.