नए फाइनेंशियल ईयर की तैयारी: टैक्स बचाने नहीं, रिटर्न कमाने के लिए करें इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, समझें फायदे की बात
New Financial Year: फाइनेंशियल ईयर के आखिर में टैक्स सेविंग सबसे बड़ी गलती है. लास्ट टाइम टैक्स प्लानिंग में कुछ गलत फैसले भी हो सकते हैं. इससे कम रिटर्न वाले निवेश ऑप्शन चुनने की भी गलती होने की संभावना रहती है.
Financial Planning: 1 अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की शुरुआत हो जाएगी. 1 अप्रैल को अप्रैल फूल बनाने का चलन है, लेकिन नए फाइनेंशियल ईयर में आपको फाइनेंशियल फूल बनने से बचना चाहिए. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट पंकज मठपाल के मुताबिक, इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग अप्रैल यानी नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से ही शुरू हो जानी चाहिए. जितना इंतजार करेंगे उतना घाटे में रहेंगे. जल्दी शुरुआत के दो बड़े फायदे हैं. पहला ज्यादा पूरे साल का रिटर्न कमाने में मदद मिलती है और आपके फाइनेंशियल गोल भी पूरे हो सकते हैं.
1- जोखिम लेना है जरूरी
निवेश की शुरुआत में ही लोग सेफ इन्वेस्टमेंट की खोज में रहते हैं. LIC, PPF, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में पैसा लगाना ही सबसे बढ़िया ऑप्शन रहता है. लोग जोखिम से बचने के लिए मार्केट लिंक्ड ऑप्शंस में पैसा लगाने से बचते हैं. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) जैसे ऑप्शन लंबे समय में ज्यादा रिटर्न देते हैं, लेकिन पुरानी सोच वाले निवेशक इससे दूरी बनाते हैं. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ELSS पर टैक्स छूट के अलावा महंगाई दर से ज्यादा रिटर्न देते हैं.
2- जल्दी करें निवेश की शुरुआत
फाइनेंशियल ईयर के आखिर में टैक्स सेविंग सबसे बड़ी गलती है. लास्ट टाइम टैक्स प्लानिंग में कुछ गलत फैसले भी हो सकते हैं. इससे कम रिटर्न वाले निवेश ऑप्शन चुनने की भी गलती होने की संभावना रहती है. इसलिए जरूरी है कि नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में ही अपनी टैक्स प्लानिंग करें, उसी हिसाब से जल्दी निवेश की शुरुआत करना सही डिसिजन हो सकता है.
3- रिटर्न कमाना भी जरूरी
टैक्स सेविंग्स के साथ-साथ रिटर्न कमाना भी जरूरी है. इसलिए ऐसा ही इन्वेस्टमेंट टूल्स ध्यान रखने चाहिए, जिसमें निवेश पर बढ़िया रिटर्न मिल रहा हो. साल के आखिर में टैक्स सेविंग के लिए एकमुश्त पैसा तो जमा किया जा सकता है. लेकिन, उस निवेश पर मिलने वाला रिटर्न काफी कम हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि टैक्स बचत के प्लानिंग वित्त वर्ष की शुरुआत में ही करें. इससे टैक्स बचाने के साथ सालभर रिटर्न का डबल फायदा होगा.
कैलकुलेशन से समझें कैसे होगा फायदा
मान लीजिए टैक्स छूट के लिए ELSS में 1 लाख रुपए का निवेश करने की प्लानिंग करें. लेकिन, आप यह निवेश वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च में करते हैं तो आप इसमें निवेश करके 1 लाख रुपए पर टैक्स तो बचा लेंगे, लेकिन इस स्कीम में जो 70 से 80% तक का रिटर्न दिया है वो आपको नहीं मिल सकेगा. मतलब सही समय पर निवेश करके आप अपने 1 लाख पर 70 से 80 हजार का मुनाफा कमा सकते हैं।
4- सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इन्वेस्टमेंट न करें
पंकज मठपाल के मुताबिक, आमतौर पर लोग ELSS, PPF या NPS में टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं. टैक्स का फायदा देखने के बजाए रिटर्न, लिक्विडिटी और जोखिम की तुलना जरूरी है. इससे आपको अपने लक्ष्यों की जानकारी रखने और उन्हें अचीव करमें मदद मिलेगी. रिटायरमेंट प्लानिंग हो या फिर चिल्ड्रन की प्लानिंग. निवेश करने से पहले आपको ये समझने की जरूरत है कि निवेश का अहम मकसद टैक्स बचाना नहीं, बल्कि अच्छा रिटर्न कमाना होना चाहिए.