Income Tax Return: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय चल रहा है. ऐसे में किसी पेशेवर कर्मचारी को जिसकी इनकम टैक्सेबल इनकम के स्लैब में आती है, समय से इनकम टैक्स रिटर्न भर देना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए एक फॉर्म बहुत जरूरी होता है और वो है फॉर्म -16. इस फॉर्म के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न भरा जाता है लेकिन कई मामलों में इस फॉर्म के बिना भी इनकम टैक्स रिटर्न भरी जा सकती है. फॉर्म -16 एक ऐसा दस्तावेज होता है जो कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम बताता है, यानी कि कर्मचारी की वो इनकम बताता है, जिस पर टैक्स लगना है. लेकिन कई लोगों की सैलरी 2.5 लाख रुपए की बेसिक एक्जेम्पशन को पार नहीं करती है तो ऐसे में उन कर्मचारियों का फॉर्म -16 जारी नहीं होता है, लेकिन वो कर्मचारी फिर भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल कर सकते हैं. 

क्यों जरूरी है फॉर्म -16?

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इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय फॉर्म -16 काफी अहम दस्तावेज होता है. फॉर्म -16 (Form-16) आपकी कंपनी की ओर से जारी किया जाता है. इस फॉर्म -16 में आपके जरिए ली गई सैलरी, डिडक्शन, काटा गया टैक्स, अलाउंस के अलावा कई सारी जानकारी होती है, जो उस वक्त काम आती है, जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे होते हैं. 

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फॉर्म -16 के बिना कैसे भरें ITR?

  • जिस वित्त वर्ष के लिए आईटीआर भर रहे हैं, पहले उस वित्त वर्ष का टीडीएस का पता लगाएं. यहां फॉर्म 26AS की मदद ले सकते हैं. 
  • अपनी ग्रॉस सैलरी का पता लगाएं. इसके लिए सैलरी स्लिप को इकट्ठा करें. ध्यान रखें कि नेट टैक्सेबल इनकम में सिर्फ आपकी तरफ से PF में दिए गए योगदान का हिस्सा होता है.  
  • हाउस रेंट अलाउंस पर टीडीएस कट जाए तो HRA पर टैक्स छूट लेने के लिए कंपनी में रेंट की रसीद देनी होगी. ये रसीद पहले देनी होगी, अगर नहीं दी है तो आईटीआर के समय क्लेम कर सकते हैं. 
  • ट्रांसपोर्ट अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंट, मेडिकल अलाउंस को सैलरी से घटाएं. 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. 
  • ये सारी प्रोसेस करने के बाद आपको अपनी टैक्सेबल इनकम के बारे में पता चल जाएगा. इस पर टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं और पहले से ज्यादा टैक्स भर दिया है तो आईटीआर भरने के बाद वो रिफंड के तौर पर वापस मिल जाएगा. 
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