प्रोविडेंट फंड (PF) टैक्‍स बचाने के साथ-साथ निवेश का भी एक लोकप्रिय माध्‍यम है. इसकी ब्‍याज दरें समय-समय पर सरकार द्वारा तय की जाती हैं. यह भी तीन तरह का होता है - कर्मचारी भविष्‍य निधि (EPF), लोक भविष्‍य निधि (PPF) और जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF). आज हम चर्चा करेंगे सिर्फ EPF और PPF की और आपको बताएंगे कि इनमें क्‍या फर्क है और किस पर कितना ब्‍याज मिल रहा है.

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EPF

जिन कंपनियों में 20 से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं उन्‍हें इस स्‍कीम में शामिल किया जाता है. मतलब, EPF का फायदा सिर्फ उनलोगों को मिलता है जो नौकरी करते हैं. इसमें आपके वेतन का एक निश्चित हिस्‍सा नियोक्‍ता की तरफ से इस खाते में डाला जाता है. इस खाते का विनियमन कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) करता है. इसका मुख्‍य उद्देश्‍य रिटायरमेंट के लिए पैसा जुटाना है.  फिलहाल इस पर 8.65 फीसदी का ब्‍याज दिया जा रहा है.

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PPF

PPF सरकार की एक लघु बचत योजना है. जो लोग नौकरीपेशा नहीं हैं उनके लिए यह रिटायरमेंट फंड बनाने का एक अच्‍छा जरिया है. PPF खाता आप किसी भी डाकघर या चुनिंदा बैंकों में खुलवा सकते हैं. PPF खाते में आपको हर साल कम से कम 500 रुपये जमा करवाने होंगे. इस खाते में जमा की गई रकम पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आयकर में डिडक्‍शन का लाभ मिलता है.  इस पर फिलहाल आपको 8 फीसदी ब्याज मिलेगा.