कर्मचारी भविष्य निधि  (EPF) भारत सरकार की ओर से चलाई जाने वाली एक पेंशन योजना है. EPFO के सदस्यों को कर्मचारी पेंशन निधि (EPF) खाते में निश्चित रकम हर महीने जमा होती है. इसे जरूरत पड़ने पर नियमों का पालन करते हुए कभी भी निकाला जा सकता है. लेकिन कई बार देखा जाता है कि जरूरत के समय EPFO में क्लेम करते हैं और किसी कारण की वजह से EPFO द्वारा क्लेम को खारिज कर दिया जाता है. आपके EPF क्लेम रिजेक्ट की कई वजहें हे सकती हैं. आइए जानते हैं, किन कारणों से आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है और इसे कैसे बचा जाए?

ऑनलाइन EPF क्लेम रिजेक्ट के कारण

1. गलत या अधूरी KYC

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आपका EPF दावा खारिज होने का एक मुख्य कारण गलत KYC डॉक्यूमेंट सबमिट करना है. अगर आपकी KYC डीटेल अधूरी है और वेलिड नहीं है, तो EPFओ आपके विदड्रॉल क्लेम को अस्वीकार कर सकता है. इसलिए, क्लेम करने से पहले हमेशा KYC से संबंधित सभी फॉर्मेलिटी पूरी करें. 

2. UAN को आधार से लिंक न करना

अगर आपका आधार, UAN से लिंक नहीं होगा तो आपका क्लेम EPFO की ओर से खारिज कर दिया जाएगा. ऐसे में आपको आधार से अपने UAN को लिंक कर देना चाहिए. 

3. विदड्रॉल नियमों का पालन न करना

पेंशन पर कुल धनराशि का दावा करने के लिए, आपको कम से कम 6 महीने तक रोजगार बनाए रखना होगा. यह अनिवार्य है कि 6 महीने पूरे होने से पहले, आप फॉर्म 19 का उपयोग करके आवेदन करें, लेकिन फॉर्म 10C का नहीं. ध्यान दें कि फॉर्म 19 अंतिम निपटान (छोड़ने, सेवानिवृत्ति या सेवा समाप्ति के लिए) के लिए है, फॉर्म 10C पेंशन निकासी के लिए है, और फॉर्म 31 आंशिक निकासी के लिए है.

4. बेमेल जानकारी

अगर क्लेम करने के दौरान दी गई जानकारी EPF डेटाबेस में रजिस्टर्ड डीटेल्स से मेल नहीं खाती है तो दावा खारिज भी किया जा सकता है. क्रॉस-चेक करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपकी पर्सनल डीटेल्स, जैसे नाम, जन्म तिथि और EPF खाता संख्या, आपके EPF अकाउंट से मेच हो रही हो. 

EPF का पैसा कब निकाल सकते हैं?

EPF अकाउंट में जमा राशि को आंशिक रूप से या पूरी तरीके से निकाला जा सकता है. जब कर्मचारी रिटायर हो जाता है या लगातार 2 महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है तब पीएफ फंड निकाला जा सकता है. वहीं, मेडिकल इमरजेंसी, शादी, होम लोन भुगतान जैसी परिस्थितियों में भी राशि के कुछ हिस्से को निकाला जा सकता है.