सरकार ने इनकम टैक्स (Income Tax) नियमों में बदलाव करते हुए कर्मचारियों को नई सुविधा दी है. नए नियमों में अब कर्मचारी अपने नियोक्ता या कंपनी से कन्वेंस अलाउंस (Conveyance allowance) पर भी क्लेम पाने की सुविधा दी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए इनकम टैक्स नियमों में बदलाव किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सीबीडीटी की तरफ से किए गए संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में इनकम टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं. 

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खबर के मुताबिक, ऐसे चुनिंदा मामलों में ट्रैवल या ट्रांसफर के मामले में आने-जाने के खर्च के लिए दिया गया अलाउंस, ट्रैवल पीरियड के बीच दिया गया कोई दूसरा अलाउंस (भत्ता), सामान्य वर्किंग स्टेशन से गैरमौजूदगी की स्थिति में एक कर्मचारी को हर रोज खर्च पूरा करने के लिए दिया जाने वाला अलाउंस आदि शामिल है.

इनके अलावा यदि नियोक्ता नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं दे रहे हों, तो हर रोज काम पर आने-जाने के खर्च के लिए दिए जाने वाले अलाउंस पर भी इनकम टैक्स से छूट का दावा किया जा सकता है. सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि विशेष तरह के फायदे का मूल्य तय करते समय नियोक्ता की तरफ से दिए गए वाउचर (पेड) के जरिये मुफ्त भोजन और नॉल अल्कोहलिक ड्रिंक के मामले में कोई छूट नहीं मिलेगी.

(ज़ी बिज़नेस)

एक खास बात कि नेत्रहीन, मूक, बधिर या हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपए प्रति महीने के कन्वेंस अलाउंस में छूट का दावा कर सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को इनकम की एक वैकल्पिक दर की पेशकश करते हुए नई इनकम टैक्स व्यवस्था का प्रस्ताव किया था. इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कर से छूट मिलती है.

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जो व्यक्ति 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें पांच प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स का पेमेंट करना होगा. इसी तरह, पांच से 7.5 लाख रुपए के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपए के बीच की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपए सालाना कमाने वालों पर 20 प्रतिशत, 12.5 रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है. नई कर व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिए है, जो कुछ बताई गई कटौती या छूट का फायदा नहीं उठा रहे हैं.