E Shram portal registration: सरकार की तरफ से अनऑर्गनाइज्ड वर्कर्स के लिए शुरू किए गए ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 8.43 करोड़ पर पहुंच गया है. इसमें से 6.77 करोड़ या 80.24 फीसदी रजिस्ट्रेशन साझा सेवा केंद्रों (CSC) के जरिए हुए हैं.

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ई-श्रम पोर्टल को ओपरेशनल में आए हुए 3 महीने हुए हैं. डिजिटल सर्विसेस की सप्लाई के लिए पहुंच के केंद्र CSC रजिस्ट्रेशन में सबसे जरूरी रोल निभा रहे हैं. देश के गांवों में विभिन्न प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक सर्विसेस की सप्लाई के लिए पहुंच का बिंदु शेयर्ड सर्विस सेंटर हैं.

1.65 करोड़ अनऑर्गनाइज्ड वर्कर्स ने कराया रजिस्ट्रेशन

आंकड़ों के मुताबिक अब तक 19.66 परसेंट या 1.65 करोड़ असंगठित श्रमिकों ने पोर्टल पर खुदसे रजिस्ट्रेशन कराया है. हालांकि, Common Service Centres के जरिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले वर्क्स की संख्या सिर्फ 0.1 परसेंट है.

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CSC SPV के प्रबंध डायरेक्टर दिनेश त्यागी (Dinesh Tyagi) ने PTI-भाषा से कहा, ‘ई-श्रम रजिस्ट्रेशन के लिए ऐसे पात्र श्रमिकों को जुटाना, इस योजना के बारे में बताना और तकनीकी समर्थन जरूरी है.’ उन्होंने बताया कि कॉमन सर्विस सेंटर इस बारे में शिविर आयोजित करने में भी राज्य सरकारों की मदद कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि CSC श्रमिक कल्याण का केंद्र बनें और प्रत्येक कामगार को केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ मिल सके.’

38 करोड़ वर्कर्स को होगा फायदा

ई-श्रम पोर्टल पर 18 से 40 साल के बीच उम्र वाले व्यक्ति रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. ई-श्रम पोर्टल देश में 38 करोड़ से ज्यादा असंगठित कामगारों का फ्री रजिस्ट्रेशन करेगा. साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की डिलीवरी में मदद करेगा. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर वर्कर्स का डेटाबेस तैयार करने और उसका रखरखाव करने के लिए ई-श्रम पोर्टल शुरू किया था. आंकड़ों से पता चलता है कि पोर्टल पर पंजीकरण कराने वालों में सबसे ज्यादा संख्या कृषि और निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों की है.

नेशनल Toll Free नंबर-14434 भी जारी

पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार ने श्रमिकों के लिए नेशनल टोल फ्री नंबर- 14434 जारी किया है. इस पूरी एक्सरसाइज का मोटिव सरकार की सोशल सिक्योरिटी योजनाओं का इंटीग्रेशन है. पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी को राज्य सरकारों के डिपार्टमेंट के साथ भी साझा किया जाएगा. ये पोर्टल कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, माइग्रेंट वर्कर्स और प्लेटफॉर्म श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडर्स, डोमेस्टिक वर्कर्स, एग्रीकल्चर वर्कर, दूध वालों, मछुआरों, ट्रक ड्राइवर्स के साथ सभी अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के श्रमिकों की मदद करेगा.