जब पैसों की जरूरत होती है तो अक्‍सर हम अपना डेबिट कार्ड परिवार के किसी व्‍यक्ति को पकड़ा देते हैं और कहते हैं कि उधर जा ही रहे हो तो ATM से पैसे निकालते आना. ऑनलाइन शॉपिंग के लिए भी हम अपने पासवर्ड शेयर करते हैं. याद रखिए, अगर आपने अपने किसी दोस्‍त या रिश्‍तेदार को अपना डेबिट कार्ड और पासवर्ड दिया है तो यह आपको काफी महंगा पड़ सकता है. बैंक आपको पेमेंट करने से साफ मना कर सकते हैं. बैंकों का कहना है कि एटीएम कार्ड नॉन-ट्रांसफरेबल या अहस्‍तांतरणीय चीज है और खाताधारक के अलावा किसी भी व्‍यक्ति को इसके इस्‍तेमाल का अधिकार नहीं है. इस वाकये से यह बात साबित भी होती है.

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बेंगलुरू की महिला के साथ हुई ये घटना

बेंगलुरू की एक महिला के साथ ऐसी ही घटना घटी. यह घटना 2013 की है और हाल-फिलहाल काफी चर्चित भी रही है. वह महिला मैटरनिटी लीव पर थी और उसने अपने पति को एटीएम कार्ड और उसका पासवर्ड देकर 25,000 रुपये निकालने के लिए भेजा था. SBI के एटीएम में स्‍वाइप करने के बाद उसके पति को पैसे नहीं मिले. एटीएम से जो स्लिप निकला उसके अनुसार खाते से पैसे कट चुके थे. अब शुरू हुई कानूनी लड़ाई जो तीन साल तक चली और अंत में महिला की हार हुई क्‍योंकि बैंकों के अनुसार एटीएम कार्ड अहस्‍तांतरणीय चीज है.

बैंक और कंज्‍यूमर फोरम ने दिया यह जवाब

सबसे पहले SBI से इस मामले की शिकायत की गई और कुछ ही दिनों में बैंक ने यह कहकर मामला रफा-दफा कर दिया कि एटीएम कार्ड अहस्‍तांतरणीय है. फिर उस महिला ने बैंकिंग लोकपाल और उपभोक्‍ता फोरम में इसकी शिकायत की. उस एटीएम के सीसीटीवी फुटेज मंगवाए गए. फुटेज में दिखा कि महिला के पति उसके एटीएम कार्ड से पैसे निकालने पहुंचे थे और पैसे नहीं निकले.

जांच के आधार पर बैंक ने स्‍पष्‍ट कहा कि इस फुटेज में एटीएम कार्ड का वास्‍तविक धारक मौजूद नहीं है. कंज्‍यूमर फोरम ने भी कहा कि अगर पैसे निकालने ही थे तो महिला को अपने पति को चेक देना चाहिए था ताकि वह बैंक जाकर पैसे निकाल लाते. महिला को अपना एटीएम कार्ड और पिन अपने पति के साथ साझा नहीं करना चाहिए था. और, इस प्रकार कंज्‍यूमर फोरम ने भी इस मामले को रफा-दफा कर दिया.

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