Sovereign Gold Bond: धनतेरस और दिवाली से पहले सरकार बाजार से सस्‍ती दरों पर सोना खरीदने का मौका दे रही है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) स्‍कीम 2021-2022 की सातवीं सीरीज में निवेश 25 अक्‍टूबर से खुल गया है. अगले 5 दिनों तक इस स्‍कीम में निवेश किया जा सकता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2 नवंबर से जारी किए जाएंगे. इस स्कीम में गोल्ड का भाव 4,761 रुपए प्रति ग्राम रखा गया है. ऑनलाइन पेमेंट करने पर प्रति दस ग्राम गोल्‍ड पर 50 रुपए की एक्‍स्‍ट्रा छूट दी जा रही है. ऐसे निवेशकों के लिए भाव 4,711 रुपये प्रति दस ग्राम है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि दिवाली से पहले SGB स्‍कीम में निवेश का यह एक अच्‍छा मौका है.

SGB: गारंटीड रिटर्न बनाता है खास 

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केडिया कमोडिटी के डायरेक्‍टर अजय केडिया का कहना है कि इस बार दिवाली से ठीक पहले निवेशकों के पास सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (SGB) में निवेश का मौका है. SGB में निवेश की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें 2.5 फीसदी का सालाना गारंटीड रिटर्न मिलता है. अगले एक साल में अगर भाव टूट भी जाता है, तो निवेशकों को 2.5 फीसदी का रिटर्न मिलना तय है.

केडिया के मुताबिक, सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड के धीरे-धीरे पॉपुलर होने की एक वजह यह भी है कि अब लोग फिजिकल फॉर्मेट की बजाय डिजिटल फॉर्मेट में गोल्‍ड रखना चाहते हैं. डिजिटल खरीद को प्रमोट करने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ऑनलाइन पेमेंट करने पर प्रति दस ग्राम गोल्‍ड पर 50 रुपए की एक्‍स्‍ट्रा छूट दी जा रही है. 

SGB: पैसा लगाने के क्या हैं फायदे?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारत सरकार की ओर से समय-समय पर सोने के मौजूदा भाव पर जारी किए जाते हैं. एसजीबी की मैच्योरिटी 8 साल होती है. जबकि, लॉक इन पीरियड पांच साल है. इसका मतलब है कि आप पांच साल बाद बॉन्ड बेच सकते हैं. लेकिन, इस बात का ध्यान रखें, अगर आपने एसजीबी को मैच्योरिटी तक बनाए रखा, तो आपको निवेश पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. वहीं, आपको 2.5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान हर छह महीने पर किया जाएगा. 

SGB में गोल्ड की जितनी मात्रा में निवेशक पैसा लगाता है, वह सुरक्षित रहता है. क्योंकि मैच्योरिटी के समय उसे मौजूदा बाजार का भाव मिलता है. इस तरह, फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय SGB में पैसा लगाना एक बेहतर ऑप्‍शन है. इसमें फिजिकल गोल्ड की तरह जोखिम नहीं है, और स्टोरेज के लिए भी निवेशक को कुछ खर्च नहीं करना पड़ता है. निवेशक को इस बात की गारंटी मिलती है कि बॉन्ड की मैच्योरिटी पर उसे सोने का बाजार भाव और उतने समय का निर्धारित ब्याज मिलेगा.

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SGB: 100% प्‍योर गोल्‍ड, सेकंडरी मार्केट में ट्रेडिंग की सुविधा 

SGB की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इसमें ज्‍वैलरी की तरह मेकिंग चार्ज और प्‍योरिटी को जांचने-परखने का झंझट नहीं रहता है. यह रिजर्व बैंक के अकाउंट में या शेयर की तरह डिमेट फॉर्म में सुरक्षित रहता है. इसके चोरी होने या गुम होने का कोई खतरा नहीं होता है. 

केडिया के मुताबिक, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड लंबी अवधि के नजरिए से सोने में निवेश का एक बेहतर ऑप्‍शन है. अगर निवेशक मैच्योरिटी तक बॉन्ड को रखता है, तो उसे इसका अच्छा फायदा होगा. वहीं, एसजीबी को सेकंडरी मार्केट में भी बेचा जा सकता है.

SGB: यहां से खरीद सकेंगे बॉन्‍ड

रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड शेड्यूल कॉम‍िर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), डेजिग्‍नेटेड पोस्‍ट ऑफिस और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (NSE और BSE) के जरिए बेचे जा रहे हैं.