Diwali 2021 Gold Investment: Gold में इन्वेस्ट करने के कई सारे ऑप्शंस होते हैं. खास तौर पर दिवाली और धनतेरस जैसे बड़े त्योहार के मौके पर. इस समय लोग सोने की खरीदारी ज्यादा करते हैं, चाहें फिर आप सोना खुद के लिए खरीद रहे हों या फिर किसी को गिफ्ट देने के लिए. इसके लिए आप ज्वेलरी, गोल्ड कॉइन, गोल्ड ईटीएफ, सॉवरन गोल्ड बॉन्ड (SGB) और गोल्ड डिपॉजिट के रूप में इन्वेस्ट करते हैं. अगर आप भी इस दिवाली गोल्ड में इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं तो टैक्स के नियम भी जरूर जान लें. जैसे-जैसे आपको इन प्रोडक्ट पर प्रॉफिट होगा, उसी तरह आपको टैक्स भी चुकाना होगा.

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दिवाली के मौके पर अगर आप गोल्ड गिफ्ट करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो Income Tax नियम को भी जान लें. अगर आपको परिवार में किसी भी रिश्तेदार ने गोल्ड गिफ्ट किया है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा. वहीं अगर आर किसी अन्य व्यक्ति से उपहार में गोल्ड लेते हैं तो उस पर टैक्स देना होगा. यह टैक्स ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ (Income From other Source) में आता है.

शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म टैक्स

दरअसल इसमें आपको टैक्स तभी चुकाना होगा, जब गिफ्ट के सोने की कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा हो. अगर वही गिफ्ट का सोना बेचते हैं और मुनाफा लेते हैं तो उस पर शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म के हिसाब से टैक्स देना होगा. आपके पास लंबे टाइम के लिए भी रखा हो और आप उसे सेल करने जा रहे हों. ये निर्भर तब भी करता है तो उसी हिसाब से आपको शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म में टैक्स देना होगा.

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किन प्रोडक्ट्स पर कितना Tax's

इसमें आपको बताते हैं गोल्ड सेविंग फंड (Gold Saving Fund) या गोल्ड ईटीएफ (Gold Etf) पर कितना टैक्स देना होगा. डिपेंड करता है कि अगर आप गिफ्ट में ज्वेलरी लेते हैं तो उसे इन्वेस्टमेंट की केटेगिरी में नहीं रखा जाता. क्योंकि Gold Bond, गोल्ड ईटीएफ या सॉवरन गोल्ड के साथ ये छूट नहीं मिलती. वो इसलिए क्योंकि ये सभी प्रोडक्ट इन्वेस्टमेंट की केटेगिरी में आते हैं. ऐसे में आपको टैक्स देनदारी का पूरा ध्यान रखना होगा. गोल्ड ईटीएफ में भी शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. टैक्स का अमाउंट इस बात पर निर्भर करेगा कि गोल्ड ईटीएफ को कितने दिन बाद बेचा जा रहा है.

Gold Etf पर टैक्स

अगर आपके गोल्ड ईटीएफ (Gold etf) को 36 महीने नहीं हुए हैं और आप उसे सेल कर रहे हैं तो वह शॉर्ट टर्म गेन केटेगिरी में आता है. इसके अलावा आप इनकम टैक्स के जिस दायरे में आते हैं, उसके मुताबिक टैक्स भरना होगा. यही नियम सॉवरन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) के लिए भी लागू होता है. Gold Etf और SGB को 36 महीने के बाद आप सेल कर रहे हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म गेन के हिसाब से टैक्स लगेगा. ETF को सेल करने में जो प्रॉफिट मिलेगा, उस पर 20% के हिसाब से टैक्स कटेगा.

Gold Mutual Fund पर टैक्स

अगर आप गोल्ड में Mutual Fund के जरिये इन्वेस्ट करते हैं तो टैक्स की रेट 20% होगी. 4 परसेंट सेस भी लगेगा. ये रूल लॉन्ग टर्म कैपिटल (Long Term Captial) गेन्स के लिए है. अगर आप गोल्ड के म्यूचुअल फंड को 36 महीने के अंदर सेल करते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन में आएगा. इसमें सीधे तौर पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. आपके अदर सोर्स से हुई कमाई से गोल्ड फंड की कमाई को जोड़ा जाएगा और फिर आपके टैक्स स्लैब की दर से इनकम टैक्स लिया जाएगा.