अगर आप मोटा फंड इकट्ठा करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले निवेश करना सीखना होगा. निवेश भी सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि अपने पोर्टफोलियो में आपको शॉर्ट टर्म और लॉन्‍ग टर्म कई तरह के इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान को शामिल करना चाहिए. आजकल ऐसी तमाम स्‍कीम्‍स हैं जो आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट देती हैं. Compounding Interest के बारे में आपने स्‍कूल टाइम में पढ़ा होगा, लेकिन आप  Power of Compounding तभी समझ सकते हैं जब आप ऐसी स्‍कीम में रकम को इन्‍वेस्‍ट करें. इसकी मदद से लॉन्‍ग टाइम में आप करोड़ों का फंड भी जमा कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं क्‍या होता है Compounding Interest और किन स्‍कीम के जरिए आप इसका फायदा उठा सकते हैं.

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निवेश का बेहतर रिटर्न लेने के लिए आपको Power of Compounding को समझना बहुत जरूरी है. चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding Interest) के बारे में आप सभी ने स्‍कूल टाइम में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन आप इसकी ताकत को तभी पहचान सकते हैं, जब आप उन जगहों पर निवेश करें, जहां आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का फायदा मिलता है. कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट में आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, जिसके कारण आपका निवेश दोगुना और तीन गुना तक हो जाता है. आइए आपको बताते हैं किन स्‍कीम्‍स पर मिलता है कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का फायदा?

समझिए क्‍या होता है कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट

ब्‍याज दो तरह से मिलता है. कुछ स्‍कीम्‍स में साधारण ब्‍याज मिलता है और कुछ में चक्रवृद्धि ब्‍याज. साधारण ब्‍याज में आपको एक निश्चित समय तक केवल प्रिंसिपल अमाउंट पर ही ब्याज मिलता है. लेकिन चक्रवृद्धि ब्‍याज यानी कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट में आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, इसके कारण आपका निवेश तेजी से दोगुना और तीन गुना होता है. लंबी अवधि में कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट के जरिए काफी मोटा फंड जुटाया जा सकता है. इसके जरिए करोड़पति बनना भी बड़ी बात नहीं है.

इन स्‍कीम्‍स में मिलता है कंपाउंडिंग का फायदा

PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड में कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. इसे टैक्स बचाने और निवेश करने का सबसे पुराना और सुरक्षित साधन माना जाता है. पीपीएफ में लंबी अवधि के निवेश में आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी तक ब्‍याज मिल रहा है. पीपीएफ में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है. मैच्योरिटी पर मिली राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है. 

Fixed Deposit: अगर आप एकमुश्‍त रकम जमा करके कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का फायदा लेना चाहते हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं. ये सबसे सुरक्षित निवेश योजनाओं में से एक माना जाता है. FD बैंक या पोस्‍ट ऑफिस कहीं भी शुरू की जा सकती है. अलग-अलग जगहों पर इस पर मिलने वाली ब्‍याज दर भी अलग-अलग होती है. आप तमाम जगहों पर ब्‍याज दर देखने के बाद कहां निवेश करना है, ये फैसला कर सकते हैं. एफडी पर अगर कुल सालाना ब्याज 10,000 तक है, तो इसपर टैक्स छूट भी मिलती है.

SIP: सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (Systematic Investment Plan- SIP) को आजकल काफी पसंद किया जा रहा है. SIP के जरिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है और ये निवेश आप किस्‍तों में कर सकते हैं. एसआईपी में आप जितना लंबे समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही बेहतर कंपाउंडिंग का फायदा ले सकेंगे. जो निवेशक मार्केट में ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते, वो एसआईपी में कम जोखिम के साथ निवेश कर सकते हैं. मार्केट लिंक्‍ड होने के कारण इसमें गारंटीड रिटर्न तो नहीं मिलता, लेकिन आमतौर पर SIP पर अनुमानित सालाना रिटर्न 12 फीसदी तक माना जाता है. कई बार ये 14 और 15 फीसदी तक भी मिल सकता है. लॉन्‍ग टाइम की एसआईपी के जरिए आप करोड़ों का फंड भी इकट्ठा कर सकते हैं.

Provident Fund: नौकरीपेशा लोगों के लिए ईपीएफओ निवेश का बेहतर विकल्‍प हो सकता है. पीएफ में भी आपको कंपाउंडिंग इंटरेस्‍ट का फायदा मिलता है. साथ ही इस पर मिलने वाला ब्‍याज अन्‍य सेविंग्‍स स्‍कीम्‍स की तुलना में ज्‍यादा होता है. मौजूदा समय में पीएफ पर 8.15 फीसदी के हिसाब से ब्‍याज मिल रहा है. आप चाहें तो वीपीएफ का विकल्‍प चुनकर पीएफ में अपना कंट्रीब्‍यूशन बढ़वा सकते हैं. इससे कंपाउंडिंग इटरेस्‍ट का फायदा ज्‍यादा राशि पर मिलेगा और आप आसानी से अपने रिटायरमेंट तक अच्‍छा खासा अमाउंट इकट्ठा कर सकते हैं, साथ ही इस रकम पर टैक्‍स की छूट का फायदा भी ले सकते हैं.