बुनियादी अधिकारों तथा मानवाधिकारों में भोजन, शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य भी शामिल है. छत्तीसगढ़ सरकार अपने यहां सेहत का अधिकार कानून यानी 'राइट टू हेल्थ' (आरटीएच-RTH) लागू करने जा रही है और 'राइट टू हेल्थ' लागू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा. आरटीएच लागू होने पर राज्य सरकार अपने सभी नागरिकों को एक हेल्थ रजिस्ट्रेशन नंबर देगी.

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रजिस्ट्रेशन नंबर

जानकारी के मुताबिक, आरटीएएच के तहत सरकार अपने सभी नागरिकों के लिए एक रिजस्ट्रेशन नंबर जारी करेगी. इस रजिस्ट्रेशन के आधार पर मरीज का इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाएगा. मरीज किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवा सकता है. रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ सरकार एक बुकलेट भी जारी करेगी, जिसमें इस योजना से जुड़ी हर तरह की जानकारी होगी.

बुकलेट में होगी हेल्थ हिस्ट्री

रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ एक बुकलेट मिलेगी, जिसमें आरटीएच से संबंधित सभी जानकारियां होंगी. साथ ही 16 पन्नों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इस कार्ड में मरीज के परिवार, उसकी पहले की बीमारी तथा निजी जानकारी होगी. मरीज के खान-पान तथा दैनिक व्यवहार का लेखा भी इसमें होगा.

अनलिमिटेड इलाज खर्ज

राइट टू हेल्थ योजना के तहत मरीज के इलाज के खर्च की कोई तय सीमा नहीं है. इस योजना के तहत मरीज की बीमारी पर जितना भी खर्च आएगा, उसे सरकार वहन करेगी. इसमें 10 रुपए की दवा से लेकर इलाज में 20 लाख रुपए तक के खर्च भी हो सकता है. कुल मिलाकर अब मरीज को अपनी जेब से एक पैसा भी खर्च करना नहीं होगा. इलाज का सारा खर्चा सरकार ही उठाएगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के लिए शुरूआती बजट 184 करोड़ रुपये रखा है.

नए स्मार्ट कार्ड

राइट टू हेल्थ योजना को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने तैयारी लगभग पूरी कर ली है. इसके लिए लगभग 50 लाख कार्ड तैयार हो चुके हैं. अभी चल रहे स्मार्ट कार्ड को बंद किया जाएगा. पुराने स्मार्ट कार्ड का स्थान अब नए कार्ड ले लेंगे. 

हर संभाग के एक ब्लॉक में होगा पायलट प्रोजेक्ट

यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को एक हफ्ते के अंदर लागू कर दिया जाएगा. पायलेट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना को हर संभाग के एक-एक ब्लॉक में शुरू किया जाएगा. इसकी शुरूआत दुर्ग संभाग से होगी. पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग के मापदंड के अनुसार स्वाथ्य केंद्र की संख्या, डॉक्टरों की संख्या, पैरामेडिकल स्टाफ का सेटअप पूरा किया जाएगा और सभी बीमारी की दवा उपलब्ध कराई जाएंगी. इस योजना के तहत सरगुजा के लुंड्रा बस्तर के बक़ाबंड ब्लॉक, रायपुर संभाग के बागबाहरा और बिलासपुर संभाग के करतला ब्लॉक का चयन किया गया है. पायलट प्रोजेक्ट कामयाब होने के बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा. 

थाईलैंड की यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का अध्ययन 

छत्तीसगढ़ में राइट टू हेल्थ लागू करने से पहले यहां के स्वास्थ्यच मंत्री टीएस सिंहदेव और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने थाईलैंड का दौरा किया था और वहां की सरकार द्वारा चलाई जा रही यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का अध्ययन किया. यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का पूरा अध्ययन करने के बाद उसकी तर्ज पर यहां राइट टू हेल्थ स्कीम तैयार की गई है. दुनिया भर में अभी 7 देशों में यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू है.

(छत्तीसगढ़ से जुल्फीकार की रिपोर्ट)