उद्योग चेंबर एसोचैम ने केन्द्र सरकार को सुझाव दिया है कि आगामी बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री किया जाना चाहिए. केंद्र को सौंपे बजट पूर्व ज्ञापन में चेंबर ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों यानी 60 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों के लिए न्यूनतम कर रियायत सीमा 3 लाख रूपये से बढाकर 7.5 लाख रूपये की जानी चाहिये. इसके साथ ही 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की 12.5 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करना चाहिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एसोचैम ने कहा कि अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों के पास भारी भरकम सामाजिक सुरक्षा, जैसे पेंशन आदि की सुविधा नहीं होती. इसलिए वे ज्यादातर सावधि जमा (fixed deposit) की ब्याज की आय पर निर्भर करते हैं. एसोचैम ने कहा कि पिछले एक साल में ब्याज दर में काफी गिरावट आई है. इससे वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय दिक्कतें पेश आ रही हैं.

बुजुर्गों का इलाज पर खर्च भी काफी अधिक हो जाता है, क्योंकि मेडिक्लेम बीमा पालिसी से कवर लोगों को एक या दो क्लेम करने के बाद उंचा बीमा प्रीमियम भरना पडता है. एसोचैम के उप महासचिव सौरभ सान्याल ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों ने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. परिवारों को पालने पोसने और राष्ट्र निर्माण में योगदान किया है. ऐसे में बुजुर्गों का कल्याण हमेशा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. एसोचैम ने सरकार को वरिष्ठ नागरिकों के ब्याज भुगतान पर टीडीएस कटौती नहीं किये जाने का भी सुझाव दिया है.