अगर मनचाहा होम लोन नहीं मिल रहा है, तो अपनाइए ये तरीका, हर तरह से होगा फायदा
जिंदगी में हम जो कुछ हासिल करते हैं, उसमें एक प्रमुख चीज है अपना घर. हालांकि अब देश के महानगरों में मकानों की ऊंची कीमत को देखते हुए घर खरीदना आसान नहीं.
जिंदगी में हम जो कुछ हासिल करते हैं, उसमें एक प्रमुख चीज है अपना घर. हालांकि अब देश के महानगरों में मकानों की ऊंची कीमत को देखते हुए घर खरीदना आसान नहीं. ऐसे में अगर ज्वाइंट होम लोन लिया जाए, तो ये आपके लिए अधिक फायदेमंद हो साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ज्वाइंट होमलोन लेने से 'ज्यादा लोन तो मिलता ही है टैक्स बेनिफिट भी अधिक मिलते हैं. को-एप्लीकेंट्स के साथ मिलकर होम लोन लेने के कई फायदे हैं.' पीएनबी हाउसिंग फिनांस के मुताबिक ज्वाइंट होम लोन के कुछ फायदे इस तरह हैं-
1. लोन लेने की योग्यता बढ़ जाती है.
2. आप अधिक बड़ा घर खरीद सकते हैं.
3. आप अपनी पसंद की जगह पर घर खरीद सकते हैं.
4. अधिक टैक्स बेनिफिट हासिल कीजिए.
5. महिला को-एप्लीकेंट होने पर कम ब्याज दर का लाभ.
6. साथ में को-एप्लीकेंट के होने से होम लोन एप्रूव होने के चांस बढ़ जाते हैं.
कौन बन सकता है को-एप्लीकेंट?
आमतौर पर परिवार के करीबी सदस्य को-एप्लीकेंट बन सकते हैं. इस तरह पति/पत्नी, भाई/बहन या बच्चों को को-एप्लीकेंट बनाया जा सकता है. को-एप्लीकेंट वेतनभोगी या सेल्फ एम्प्लॉइड हो सकता है, भारतीय या एनआरआई भी हो सकता है.
को-एप्लीकेंट और को-ऑनर में अंतर
यहां को-एप्लीकेंट और को-ऑनर में अंतर समझने की जरूरत है. को-ऑनर उस प्रॉपर्टी का साझा मालिक है, जबकि को-एप्लीकेंट के लिए उसे प्रॉपर्टी का मालिक होना जरूरी नहीं है. सामान्य सिद्धान्त है कि को-ऑनर ही को-एप्लीकेंट होगा, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं. को-एप्लीकेंट की जिम्मेदारी लोन चुकाने की है.