PPF investment: पीपीएफ या पब्लिक प्रोविडेंट फंड टैक्स सेविंग की बहुत ही लोकप्रिय स्कीम है. भारत सरकार की इस स्कीम में कई लोग बेहतर रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. कई खासियत के अलावा इसमें निवेश का फायदा यह भी है कि इसमें कोई रिस्क नहीं है. केंद्र सरकार की योजना होने से इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है. 

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इसमें सिर्फ 500 रुपये की रकम से निवेश किया जा सकता है. वहीं इसमें अधिकतम 1,50,000 रुपये निवेश किया जा सकता है, जिसकी मैच्योरिटी 15 साल है. इसमें निवेश का एक और फायदा है कि अकाउंट होल्डर आपातकाल में नॉमिनल इंटरेस्ट रेट पर कर्ज ले सकता है. इसका इंटरेस्ट रेट सिर्फ 1 प्रतिशत सालाना है. लेकिन पीपीएफ अकाउंट होल्डर खाता खोलने के तीन से छह साल में ही इसका फायदा उठा सकता है. भले ही इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 साल हो लेकिन खाता धारक 6 साल के बाद भी पैसे निकाल सकते हैं. वहीं मैच्योरिटी के बाद इसकी अवधि भी बढ़ा सकते हैं. 

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टैक्स बेनिफिट

पीपीएफ अकाउंट होल्डर्स 1,50,000 रुपये तक के निवेश पर सालाना टैक्स बचा सकते हैं. इसमें मिलने वाले ब्याज को इनकम टैक्स के सेक्शन 80 C के तहत छूट मिलती है. वहीं कोई व्यक्ति मैच्योरिटी के बाद बिना टैक्स के अपनी पूरी रकम निकाल सकता है. इसके ब्याज दर में समय-समय पर बदलाव होता है, फिलहाल यह 7.1 प्रतिशत है. खास बात ये है कि सरकार की फिक्स्ड इनकम स्कीम में जिनकी इंटरेस्ट रेट सबसे ज्यादा है उनमें पीपीएफ भी है.  

ऑनलाइन खोल सकते हैं खाता

पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए बैंक के नेट बैंकिंग इंटरफेस में जाकर पीपीएफ खाता खोलने के ऑप्शन पर जाएं. यहां बैंक और नॉमिनी से जुड़े सभी डीटेल्स दर्ज करें. सभी जानकारी के वेरिफिकेशन के बाद आपका खाता खुल जाएगा. इसी के साथ अब आप इसमें निवेश कर सकते हैं.   

एक से ज्यादा अकाउंट कर सकते हैं मर्ज 

कुछ लोग अनजाने में एक से ज्यादा पीपीएफ अकाउंट्स खोल लेते हैं. उन्होंने दो अलग-अलग बैंकों या पोस्ट ऑफिस और एक बैंक में भी पीपीएफ खाते खोले होंगे. डाक विभाग ने पिछले दिनों एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कई पीपीएफ अकाउंट्स को एक स‍िंगल पीपीएफ अकाउंट में मर्ज करने का प्रोसेस के बारे में बताया गया है.