पेंशन नियामक पीएफआरडीए ने आधार जारी करने वाले निकाय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से अटल पेंशन योजना को भी लाभ देने वाली अन्य सरकारी योजना के समान मानने और इस योजना को भी आधार से जोड़े रखने का आग्रह किया है. पीएफआरडीए के चेयरमैन हेमंत जी. कॉन्ट्रैक्टर ने शुक्रवार को यह बात कही. 

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अटल पेंशन योजना में पेंशन पर सरकारी गारंटी

अटल पेंशन योजना से संबंधित एक कार्यक्रम से इत्तर कॉन्ट्रैक्टर ने कहा, ‘‘हम वास्तव में इस मुद्दे को यूआईडीएआई के समक्ष उठा रहे हैं. हमारा मानना है कि अटल पेंशन योजना को भी दूसरी सरकारी योजनाओं की तरह उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत आधार से जोड़ा जाना चाहिए. क्योंकि हमारा मानना है कि इस पेंशन योजना में भी सरकार की गारंटी है.’’ पीएफआरडीए चेयरमैन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आधार पर दिये गए फैसले में जनता को लाभ पहुंचाने की तमाम सरकारी योजनाओं को आधार के साथ जोड़े रखा गया है.

सरकारी लाभ की परिभाषा के दायरे में

उच्चतम न्यायालय ने 26 सितंबर के अपने फैसले में आधार की संवैधानिक वैद्यता को स्वीकार करते हुए बैंकिंग और टेलीफोन जैसी सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जबकि सरकार की सामाजिक लाभ वाली योजनाओं में आधार की जरूरत को बरकरार रखा. उन्होंने कहा, ‘‘अटल पेंशन योजना में पेंशन पर सरकारी गारंटी है, इसलिये यह भी सरकारी लाभ की परिभाषा के दायरे में आती है और इसलिये इसे उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत आधार के साथ रखना चाहिये.’’ 

28 लाख नए अटल पेंशन योजना खाते जोड़े

कॉन्ट्रैक्टर ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को यूआईडीएआई के समक्ष उठा रहे हैं और यदि वह इस पर सहमत होते हैं तो हम भी इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे.’’कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने में पीएफआरडीए ने 28 लाख नए अटल पेंशन योजना खाते जोड़े हैं. पिछले वित्त वर्ष में पेंशन नियामक ने 50 लाख लाभार्थी जोड़े हैं और मार्च 2019 के अंत तक उसके खाताधारकों की संख्या डेढ करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है.

(इनपुट एजेंसी से)