बुढ़ापे में किसी के सामने हाथ ना फैलाना पड़े, इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) बहुत जरूरी होती है. लोग कई तरीकों से अपना रिटायरमेंट प्लान करते हैं. कुछ लोग इसके लिए पीपीएफ (PPF) का सहारा लेते हैं तो कुछ ईपीएफ (EPF) में पैसे डालते हैं. वहीं बहुत सारे लोग नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस (NPS) को चुनते हैं, जिसमें 60 साल उम्र तक के लिए पैसा लॉक हो जाता है. अब सवाल ये उठता है कि आपको हर महीने कितना पैसा निवेश (Investment) करना चाहिए, ताकि वह आपके बुढ़ापे के लिए पर्याप्त हो? आइए समझते हैं आपको रिटायरमेंट पर कितने पैसों की जरूरत होगी. 

पहले समझिए कितने पैसे चाहिए होंगे रिटायरमेंट पर?

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रिटायरमेंट पर आपको कितने पैसे चाहिए होंगे, यह हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकता है. आपको अपनी लाइफ स्टाइल के हिसाब से समझना होगा कि आपको बुढ़ापे में कितने पैसे चाहिए होंगे. इसके लिए आपको सबसे पहले अपने अभी के खर्चों को समझना होगा और फिर उसमें हर साल महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए इनक्रिमेंट करना होगा. इससे आपको पता चलेगा कि आपको रिटायरमेंट के वक्त या किसी तय उम्र के वक्त कितने पैसे चाहिए होंगे.

हम मान लेते हैं एक 30 साल के शख्स की सैलरी अभी 50 हजार रुपये है. पति-पत्नी यानी दो लोगों के परिवार में अभी आपका हर महीने करीब 25 हजार रुपये खर्च हो जाता होगा, जबकि 25 हजार रुपये आपके पास बच सकते हैं. अब अगर इसे ही मान मानते हुए आगे बढ़ें तो आप एनपीएस में अगले 30 सालों तक निवेश करेंगे. मान लेते हैं हर साल महंगाई 3-4 फीसदी की दर से तो बढ़ेगी ही. 

इस हिसाब से 25 हजार रुपये पर 30 साल में 3 फीसदी के हिसाब से कंपाउंडिंग इंट्रेस्ट निकालें तो ये करीब 60 हजार रुपये आएगा. यानी आपको रिटायरमेंट पर कम से कम 60 हजार रुपये हर महीने की पेंशन चाहिए होगी. ध्यान रहे कि यह फॉर्मूला सिर्फ उन लोगों के लिए जिनकी उम्र अभी 30 साल है और सैलरी 50 हजार, जिसमें से 25 हजार में उनके घर का खर्च चल जाता है.

रिटायरमेंट पर चाहिए होंगे डेढ़ करोड़ रुपये

सेविंग पर मिलने वाले ब्याज की दरों में लगातार कमी और बढ़ोतरी होती रहती है. कभी ये 5 फीसदी हो जाता है तो अभी 7-8 फीसदी भी पहुंच जाता है. हम मान लेते हैं कि रिटायरमेंट के वक्त आपको सेविंग पर कम से कम 5 फीसदी रिटर्न तो मिलेगा ही. ऐसे में अगर आपको 60 हजार रुपये हर महीने चाहिए तो उसके लिए आपको 60 साल की उम्र में करीब 1.5 करोड़ रुपये के रिटायरमेंट कॉर्पस की जरूरत होगी. ऐसे में आपको हर महीने करीब 62,500 रुपये की पेंशन मिल पाएगी. अब सवाल ये है कि आपको इसके लिए हर महीने कितने रुपये जमा करने होंगे.

हर महीने करें 7500 रुपये का निवेश

अगर आपकी उम्र अभी 30 साल है तो आपको 60 साल की उम्र तक 1.5 करोड़ रुपये जमा करने के लिए 7500 रुपये हर महीने निवेश करने होंगे. हम मान लेते हैं कि आपको इस निवेश पर औसतन 10 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा. 10 फीसदी का ब्याज आपको एनपीएस में निवेश कर के आसानी से मिल सकता है. अगर आप हर महीने करीब 7500 रुपये एनपीएस में जमा करेंगे तो 30 सालों में आप कुल 27 लाख रुपये निवेश करेंगे. 

वहीं इस पर आपको करीब 1.43 करोड़ रुपये का ब्याज मिलेगा. इस तरह मेच्योरिटी पर आपका कुल अमाउंट करीब 1.7 करोड़ रुपये हो जाएगा. ऐसे में आप हर महीने करीब 70 हजार रुपये की पेंशन पा सकेंगे. ध्यान रहे, अगर आपकी उम्र 30 साल से अधिक है तो उसी हिसाब से हर महीने किया जाने वाला अपना निवेश भी बढ़ा दें, ताकि आपको रिटायरमेंट तक ज्यादा पैसे मिल सकें.

ये भी रखें ध्यान

जब आप रिटायर होंगे उस वक्त आपके पास दो विकल्प होंगे. या तो आप अपने सारे पैसों को किसी एन्युटी प्लान में लगाकर उससे पेंशन ले सकते हैं. या फिर 60 फीसदी रकम निकालकर और बचे हुए 40 फीसदी से एन्युटी प्लान बना सकते हैं. रिटायरमेंट पर एनपीएस का कम से कम 40 फीसदी हिस्सा तो एन्युटी प्लान में लगाना ही होता है. हम मान रहे हैं कि आप मेच्योरिट पर सारा पैसा किसी एन्युटी प्लान में लगा देंगे. अगर आप सारा पैसा एन्युटी में नहीं लगाना चाहते हैं तो उसी हिसाब से अपनी कैलकुलेशन को बदल सकते हैं.

कैसे कभी खत्म नहीं होगा पैसा?

अगर आप एनपीएस से मिली सारी रकम को एन्युटी प्लान में लगा देते हैं और सिर्फ उसके ब्याज के भरोसा ही अपने खर्चे चलाते हैं, तो आपको पैसे हमेशा बचे ही रहेंगे. मान लीजिए कि आपका जो डेढ़ करोड़ रुपये का कॉर्पस है, उस पर आप हर महीने के ब्याज कमा रहे हैं. ऐसे में आपका मूलधन हमेशा उतना ही बना रहेगा. हालांकि, रिटायरमेंट के बाद के सालों में भी महंगाई बढ़ती रहेगी तो आपको उससे निपटने के लिए या तो कुछ अतिरिक्त कमाई करनी होगी या फिर अपने खर्चों को घटाना होगा. खैर, बुढ़ापे में अगर आप अपने बच्चों के साथ हैं, तो आपका खर्चा काफी हद तक कंट्रोल में रह सकता है. आपके लिए सबसे अच्छा यही होगा कि बुढ़ापे में भी खुद को किसी ना किसी काम में व्यवस्त रखें, भले ही वह ब्लॉगिंग हो, कंसल्टिंग हो, एडवाइजिंग हो या ऐसा ही कोई काम हो, जिसमें आपको पूरे दिन काम ना करना पड़े, लेकिन कुछ पैसे आते रहें.