Taxation: जैसे जैसे देश में वैक्सीनेशन में तेजी आ रही है और कोविड 19 के रोजाना मामले घट रहे हैं, शेयर बाजार जोर पकड़ रहा है. सेंसेक्स 52000 और निफ्टी 15600 के पार बना हुआ है. बाजार के जानकार इसे लेकर बुलिश हैं और उनका मानना है कि आगे भी यह मोमेंटम बना रहेगा. बाजार की इस तेजी में निवेशकों का रिटर्न भी बढ़ा है, वहीं बहुत से नए निवेशक भी सीधे या म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. अगर आप भी इनमें शामिल हैं तो इक्विटी में सिर्फ कमाई ही नहीं, बल्कि होने वाले मुनाफे पर कितना टैक्स लगता है, इसे भी ध्यान में रखना जरूरी है. 

लंबी अवधि का मुनाफा या शॉर्ट टर्म में कमाई

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शेयर बाजार में कुछ लोग शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करते हैं और मुनाफा हासिल करते हैं. हीं कुछ लोग लंबी अवधि के लिए पैसे लगाते हैं. इक्विटी में 1 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश को लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है. वहीं, 12 महीने से पहले ही उसे भुना लेने पर शार्ट टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है.

लांग टर्म इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले रिटर्न पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म गेन टैक्स लगता है. हालांकि, 1 लाख रुपये तक के रिटर्न पर लॉन्ग टर्म गेन टैक्स नहीं लगता है. लेकिन अगर 12 महीने से पहले इसे भुनाते हैं तो 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है.

इंट्राडे में होने वाले मुनाफे पर

इंट्राडे में एक ही दिन में शेयर में लेन देन होता है. यानी उसी दिन शेयर खरीदा जाता है और बेचा जाता है. कहने का मतलब है कि यहां 1 दिन में आप शेयर में पैसे लगाकर कमाई कमाई सकते हैं. इससे हुआ फायदा शॉर्ट टर्म कैटिपल गेन होता है. ऐसे में उन्हें अपने मुनाफे पर 15 फीसदी का टैक्स चुकाना होता है. 

कैपिटल मार्केट में अन्य तरीके से कमाई पर

म्यूचुअल फंड में कैपिटल गेन के अलावा डिविडेंड लाभ भी मिलता है. म्यूचुअल फंड्स डिविडेंड पर जो टैक्स लगता है उसे डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) कहते हैं और इसे फंड हाउस द्वारा चुकाया जाता है. म्यूचुअल फंड में इक्विटी और डेट फंड के लिए टैक्स देनदारी अलग-अलग होती है. लिक्विड, शॉर्ट टर्म डेट, इनकम फंड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में निवेश 3 साल या 36 महीने तक रहता है तो इसे लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है. वहीं, 36 महीने से पहले अगर भुनाया तो यह शार्ट टर्म इंवेस्टमेंट माना जाता है.

डेट म्यूचुअल फंड में लांग टर्म इन्वेस्टमेंट से मिलेन वाले रिटर्न पर इंडेक्सशन के बाद 20 फीसदी टैक्स लगता है. लेकिन शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट पर पैसे भुनाने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है, जो निवेशक के टैक्स स्लैब पर आधारित होता है.

ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखेंZee Business App: पाएं बिजनेसशेयर बाजारपर्सनल फाइनेंसइकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूजदेश-दुनिया की खबरें, यहां देखेंं Zee Business Live, अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.