Akshaya Tritiya 2021: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का प्‍लान बना रहे हैं, तो यह आपके लिए अच्‍छा मौका हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि अगले एक साल यानी अगली अक्षय तृतीया तक आपको इस पर शानदार रिटर्न मिल सकता है. इस साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि कोरोना को लेकर अनिश्चितता, रुपये में कमजोरी समेत कई ग्‍लोबल कारणों से आने वाले महीनों में सोने में तेजी का रुख दिखाई देगा. सराफा बाजार में सोने का भाव फिलहाल 48,000 रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास चल रहा है. मार्केट के जानकार मान रहे हैं कि अगले एक साल में सोना 60,000 रुपये का स्‍तर छू सकता है. इस तरह निवेशकों को एक साल में करीब 12,000 रुपये प्रति दस ग्राम का शानदार रिटर्न मिल सकता है. 

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मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट  के मुताबिक, 2021 में गोल्ड में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है. पिछले साल की तेजी के बाद हमने इसमें प्रॉफिट बुकिंग और निचले स्तर पर मजबूती की स्थिति देखी और यह सब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की अनिश्चितताओं, अलग-अलग फार्मा कंपनियों की वैक्सीन रिपोर्ट और डॉलर एवं यील्ड में उतार-चढ़ाव के बीच हुआ. इस वजह से ईटीएफ और सीएफटीसी में कुछ प्रॉफिट बुकिंग की स्थिति देखी गई. हालांकि, इन सभी अनिश्चितताओं के बीच इस सोने के मजबूती मिली और इसके चलते इसमें तेजी की उम्‍मीद बनी हुई है. 

12-15 महीने में 56 हजार के पार 

मोतीलाल ओसवाल रिपोर्ट के मुताबिक, डॉलर की कीमतों में गिरावट, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में इजाफा, ईटीएफ मांग में तेजी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी जैसे कई फैक्‍टर हैं, जिस पर बाजार की नजर है. चूंकि अब केंद्रीय बैंकों ने फिर से गोल्‍ड की खरीदारी शुरू कर दी है. इससे आने वाले समय में भाव में तेजी की उम्‍मीद है.  दूसरी ओर, कोरोना के बढ़ते मामले, लिक्विडिटी इनफ्लो, महंगाई की बढ़ती उम्मीद, कर्ज के दम पर बढ़ती अर्थव्यवस्था, मध्य पूर्व में तनाव, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार समेत कई अन्‍य फैक्‍टर हैं जो सोने की खरीदारी को मजबूती देंगे ओर इससे कीमतों में उछाल आएगा. घरेलू बाजार में बजट के बाद कीमतों में आई गिरावट ठीक स्तर पर है और इस कीमत पर एक बार फिर से खरीदारी की जा सकती है.  शॉर्ट टर्म में गोल्‍ड का टारगेट 50,000 रुपये रखना चाहिए. वहीं, अगले 12-15 महीनों के लिए सोना 56,500 रुपये का स्‍तर छू सकता है. 

60 हजार तक जाएगा भाव 

केडिया कमोडिटी के डायरेक्‍टर अजय केडिया का कहना है कि सोने में तेजी कई वजहों से आने की उम्‍मीद है. इसमें दुनियाभर में कम ब्‍याज दरें, कोरोना को लेकर अनिश्चितता, अधिक लिक्विडिटी से महंगाई में बढ़ोतरी, ईटीएफ खरीदारी, केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोने की खरीदारी, डॉलर में कमजोरी, सप्‍लाई की दिक्‍कत और अमेरिका-चीन व अन्‍य देशों के बीच जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते आने वाले समय में सोने की कीमतों को मजबूती मिलने के आसार हैं. केडिया का कहना है कि अगले एक साल में यानी अगली अक्षय तृतीया के स्‍तर की बात करें तो यह 60,000 रुपये प्रति दस ग्राम का स्‍तर छू सकता है. ऐसे में मौजूदा भाव पर निवेशकों के लिए यह एक मौका हो सकता है.

मिलवुड केन इंटरनेशनल के सीईओ एंड फाउंडर निश भट्ट का कहना है कि  कमजोर जॉब डाटा, डॉलर में कमजोरी, ब्‍याज दरों में कमी जैसी कुछ ऐसी वजहें जिनके चलते इंटरनेशनल मार्केट में सोना तीन महीने के हाई पर ट्रेड कर रहा है. घरेलू बाजार में यह 48 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के लेवल पर है. भट्ट का कहना है कि सोने को लेकर भारतीयों का लगाव किसी से छुपा नहीं है. महामारी के इस दौर में ऐसे में निवेशकों को सलाह है कि वो फिजिकल गोल्‍ड की बजाय डिजिटल या पेपर गोल्‍ड में निवेश को तरजीह दें. 

सप्‍लाई-डिमांड में बदल रहा संतुलन 

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी और गोल्‍ड के फंडामेंटल्स को लेकर यह नहीं भूलना चाहिए कि सप्‍लाई और डिमांड के बीच का संतुलन सरकार के फैसलों की वजह से बदल रहा है. वर्ष 2020 की शुरुआत उंची कीमतों से हुई और इस दौरान डिमांड मजबूत थी जबकि सप्‍लाई को लेकर दिक्‍कत थी. महामारी की वजह से हाजिर बाजार को धक्का लगा, दुकानें बंद हुईं और लोग बाजार जाकर न तो सोना खरीद पाए और न ही उन्हें मौजूदा गोल्ड को रिसाइकल करने का मौका मिला. 

WGC के मुताबिक, पहली तिमाही में अगर सप्‍लाई और डिमांड के आंकड़ों को देखा जाए तो खनन उत्पादन में बढ़ोतरी के बावजूद पहली तिमाही में कुल आपूर्ति में 4 फीसदी की गिरावट आई. ज्‍वैलरी डिमांड  477.4 टन रही, जोकि सालाना आधार पर 52 फीसदी अधिक थी.  साल 2013 की पहली तिमाही के बाद ज्‍वैलरी पर होने वाला खर्च सबसे ज्यादा रहा. गोल्ड बार और सिक्कों में निवेश 339.5 टन रहा जो कि सालाना आधार पर 36 फीसदी अधिक है. पहली तिमाही में केंद्रीय बैंकों की तरफ से शुद्ध रूप से खरीदारी हुई और इस वजह से गोल्ड रिजर्व में 95.5 टन का इजाफा हुआ, जो कि सालाना आधार पर 23 फीसदी कम और तिमाही आधार पर 20 फीसदी अधिक है. 

महामारी के री-एंट्री से बढ़ने लगे भाव 

रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में महामारी ने फिर से दस्तक दी है और कई सारी अर्थव्यवस्थाओं ने सख्त प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसकी वजह से एक बार फिर से इस गोल्‍ड में खरीदारी लौटी है. कोविड-19 संक्रमण के मामले भारत में लगातार बढ़ रहे हैं और बाजार पर इसकी आशंका बनी हुई है लेकिन इस बार की स्थिति पिछले  बार के मुकाबले थोड़ी अलग है. सरकार की तरफ से पेश बजट में इस साल की शुरुआत में इम्‍पोर्ट ड्यूटी में कटौती की घोषणा की गई थी और इसकी वजह से कीमतों पर असर पड़ा और आभूषण कारोबारियों ने ज्यादा मात्रा में गोल्ड का इम्‍पोर्ट कर लिया. सका असर मार्च के आंकड़ों पर भी नजर आया, जब 160 टन का इम्‍पोर्ट किया गया, जो कि पिछले साल के मुकाबले 470 फीसदी अधिक है. मजबूत फंडामेंटल्स की वजह से गोल्ड में एक बार फिर से तेजी आ रही है. 

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