Aadhaar Offline Verification: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार यूजर्स की बेहतर सुरक्षा के लिए ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली संस्थाओं को एक नई गाइडलाइंस जारी किया है. इन गाइडलाइंस में Aadhaar यूजर्स को इसके गैर जरूरी इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है. वहीं Aadhaar वेरिफिकेशन करने वाली संस्थाओं को भी फिकिजल कॉपी की जगह QR कोड से इसे वेरिफाई करने की सलाह दी है. UIDAI ने स्वेच्छा से Aadhaar का इस्तेमाल करने वाले लोगों में इसे लेकर विश्वास बढ़ाने के तरीकों को भी बताया है. 

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UIDAI ने कहा कि Aadhaar Card Holders की स्पष्ट सहमति के बाद ही संस्थाओं को Aadhaar वेरिफिकेशन करना चाहिए. वहीं आधार कार्ड होल्डर्स को लेकर संस्थाओं और विनम्र होना चाहिए और ऑफलाइन वेरिफिकेशन करते समय उन्हें Aadhaar की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर भी आश्वस्त करना चाहिए.

QR कोड से करें Aadhaar को वेरिफाई

UIDAI ने कहा कि संस्थाओं को UIDAI या किसी अन्य कानूनी एजेंसी द्वारा भविष्य में किसी भी ऑडिट के लिए निवासियों से प्राप्त स्पष्ट सहमति का लॉग रिकॉर्ड रखना चाहिए. वहीं इन वेरिफिकेशन संस्थाओं को कहा कि प्रमाण के रूप में Aadhaar को फिजिकल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करने के बजाए इस पर मौजूद QR कोड के जरिए Aadhaar को वेरिफाई करने को कहा है.

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Aadhaar ऑफलाइन वेरिफिकेशन को लेकर दिया ये निर्देश

UIDAI ने संस्थाओं को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी निवासी द्वारा ऑफलाइन वेरिफिकेशन से इंकार करने पर या असमर्थ होने पर कोई भी सेवा देने से इंकार नहीं किया जा सकता है. बशर्ते निवासी किसी अन्य ऑप्शन के माध्यम से स्वयं को प्रमाणित कर सके. 

72 घंटे के अंदर दें फ्रॉड की जानकारी

UIDAI ने कहा कि Aadhaar डॉक्यूमेंट्स की छेड़छाड़ ऑफलाइन वेरिफिकेशन द्वारा पता लगाया जा सकता है और Aadhaar के साथ छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराथ है और Aadhaar अधिनियम की धारा 35 के तहत इसमें सजा हो सकती है. यदि संस्थाओं को किसी भी तरह के फ्रॉड की जानकारी मिलती है, तो उन्हें UIDAI और निवासी को इसके बारे में 72 घंटे के अंदर सूचित करना होता है. ऐसे किसी भी मामले में उन्हें Aadhaar होल्डर को पूरी सहायता देने का निर्देश दिया गया है.