यूपी सरकार ने अपने हजारों कर्मचारियों के कुछ अलाउंस काटने का फैसला किया है. इनमें विभागों में GPF पासबुक के रखरखाव के लिए मिलने वाला अलाउंस, सिंचाई विभाग के इंजीनियरों को दिया जा रहा अर्दली भत्ता और PWD के इंजीनियरों को इंसेंटिव के तौर पर दिया जाने वाला अलाउंस शामिल है. इसे लेकर आज शाम यूपी कैबिनेट होगी, जिसमें इन अलाउंस को कट करने पर फैसला हो सकता है.

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सिंचाई विभाग के रिटायर इंजीनियर एके श्रीवास्‍तव ने बताया कि जो इंजीनियर दफ्तर से अटैच रहते हैं, उन्‍हें अर्दली भत्‍ता मिलता है. अब सरकार इसे खत्‍म करने जा रही है. JE को यह भत्‍ता 100 रुपए महीना मिलता है जबकि AE को 200 रुपए.

वहीं ऊपर के अफसरों को 500 से 600 रुपए तक अलाउंस मिलता है. अब सरकार इसमें कटौती करने जा रही है. सिंचाई विभाग में 3000 से ज्‍यादा इंजीनियर काम कर रहे हैं, जिनकी सैलरी में कमी आ सकती है.

GPF अलाउंस

एके श्रीवास्‍तव ने बताया कि 1984 में राज्‍य सरकार ने एक और अलाउंस शुरू किया था, जिसमें GPF पासबुक के अपडेशन के लिए क्‍लर्क स्‍टाफ को 25 पैसे प्रति पासबुक हर माह मिलता था. यूपी सरकार इसे भी खत्‍म कर सकती है.

क्‍या बताई वजह

राज्‍य सरकार का तर्क है कि सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत मिल रहे वेतन के सामने यह अलाउंस काफी कम है. इसलिए इन्‍हें खत्‍म किया जा रहा है. सरकार का कहना है इन अलाउंस को इसलिए शुरू किया गया था क्‍योंकि उस समय स्‍टाफ का वेतन कम था.

PWD में इंजीनियरों को इंसेंटिव

PWD के इंजीनियरों को इंसेंटिव भी खत्‍म किया जाएगा. JE लेवल के इंजीनियरों का अलाउंस 100 से 150 रुपये महीना है. यह इंसेंटिव इंजीनियरों को नए डिजाइन बनाने के लिए मिलता है.