7th Pay Commission latest news: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कई तरह के बेनिफिट्स मिलते हैं. हर साल महंगाई भत्ते (Dearness allowance) के रूप में उनकी सैलरी में भी इजाफा होता है. इसके अलावा प्रोमोशन (Promotion) और दूसरे भत्तों को भी फायदा मिलता है. लेकिन, इससे अलग अगर कोई कर्मचारी नौकरी करते हुए ऊंची डिग्री हालिस करता है तो उसे अलग से फायदा मिलता है. केंद्र सरकार ने ऊंची डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि (Incentive) को 5 गुना तक बढ़ा दिया है. PHD जैसी ऊंची डिग्री हालिस करने वाले कर्मचारियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 10,000 से बढ़ाकर 30,000 रुपए की जा चुकी है.

5 गुना बढ़ाया गया प्रोत्साहन भत्ता (Incentive for fresh higher education)

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कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel) ने कर्मचारियों के लिए ऊंची डिग्री हासिल करने पर प्रोत्साहन राशि बढ़ाने के लिए 20 साल पुराने नियमों में संशोधन किया. पुरान नियमों के तहत अब तक नौकरी के दौरान उच्च डिग्री हालिस करने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त 2000 रुपए से 10000 रुपए तक का प्रोत्साहन भत्ता (Incentive) दिया जाता था. लेकिन, साल 2019 से इस प्रोत्साहन राशि को न्यूनतम 2000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दिया गया.

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कौन सी डिग्री पर कितना फायदा?

कार्मिक मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक, 3 साल या इससे कम की डिग्री डिप्लोमा हासिल करने पर 10,000 रुपए प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाएंगे. वहीं, 3 साल से ज्यादा की डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने पर 15000 रुपए दिए जाएंगे.

किसे मिलेंगे 30000 रुपए?

1 साल या कम की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा हासिल करने पर 20,000 रुपए दिए जाएंगे. वहीं, 1 साल से ज्यादा अवधि की स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा लेने वाले कर्मचारियों को 25,000 रुपए मिलेंगे. PHD या उससे समकक्ष योग्यता हासिल करने वालों को 30,000 रुपए दिए जाएंगे.

किन बातों का रखना है ध्यान?

7th Pay Commission: कार्मिक मंत्रालय के निर्देशों में ये स्पष्ट किया गया है कि शुद्ध अकादमिक शिक्षा (academic education) या साहित्यिक विषयों पर उच्च योग्यता प्राप्त करने पर कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा. कर्मचारी की तरफ से हासिल की गई डिग्री/डिप्लोमा कर्मचारी के पद से जुड़ी होनी चाहिए या उसके अगले पद पर काम आने वाले कार्यों से जुड़ी होनी चाहिए. इसमें कहा गया है कि योग्यता और काम के बीच सीधा संबंध होना चाहिए. बता दें, यह बदलाव साल 2019 से प्रभावी हैं.