फाइनेंशियल ईयर (FY) 2019-20 खत्‍म होने में 4 महीने बचे हैं. नौकरीपेशा (Salary Class) के लिए टैक्‍स सेविंग स्‍कीम में किए गए निवेश का ब्‍योरा अपने इम्‍प्‍लॉयर को देने का समय नजदीक आ रहा है. साथ ही लाखों सरकारी कर्मचारियों (Government Employee) को भी अपने विभाग यह डिटेल देनी होगी. जिन लोगों की सैलरी ज्‍यादा है, उनसे सितंबर में ही डिटेल ले ली गई है ताकि इनकम से टैक्‍स की कटौती समय रहते हो जाए.

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सर्कुलर जारी

केंद्र सरकार के हेल्‍थ सर्विसेज विभाग ने सितंबर में ही सभी सरकारी डॉक्‍टरों और अन्‍य स्‍टाफ से डिटेल मंगा ली थी. ऐसा इसलिए किया गया था क्‍योंकि डॉक्‍टरों की सैलरी काफी ज्‍यादा होती है. इसलिए उनकी डिटेल पहले ही मांग ली जाती है.

अन्‍य विभाग तैयारी में

ऑल इंडिया ऑडिट एंड एकाउंट्स कमेटी के जनरल सेक्रेट्री एचएस तिवारी ने बताया कि सरकारी विभागों में दिसंबर-जनवरी में कर्मचारियों से उनकी सालाना टैक्‍स बचत योजनाओं में निवेश का ब्‍योरा मांगा जाता है. ब्‍योरा न देने पर विभाग GPF/NPS कॉन्ट्रिब्‍यूशन की रकम को ही टैक्‍स कटौती में शामिल करते हैं और फिर टैक्‍सेबल इनकम पर टैक्‍स काट लेते हैं. 

ब्‍योरा न देने पर मुसीबत

अगर कोई कर्मचारी निवेश करता है और उसका ब्‍योरा अपने विभाग को नहीं देता तो इससे उसको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. एक ओर टैक्‍स ज्‍यादा कट जाएगा और फिर IT रिटर्न भरने के बाद रिफंड तक इंतजार करना होगा.

कैसे वापस मिलेगी रकम

अगर आपका टैक्‍स ज्‍यादा कट गया है तो ITR भरकर रिफंड ले सकते हैं. विभाग कर्मचारियों की सहूलियत के लिए पहले ही निवेश का ब्‍योरा मंगाते हैं. लेकिन जो लोग नहीं दे पाते उन्‍हें मुश्किल होती है.