केंद्रीय कर्मचारियों को फेस्टिव सीजन के लिए मोदी सरकार ने ट्रैवल कंसेशन कैश वाउचर स्कीम की सुविधा दी है. इस स्कीम के जरिए कर्मचारियों को सरकार कई तरह के फायदे दे रही है. इस स्कीम को लेकर कर्मचारियों में कुछ भ्रम की स्थिति थी लेकिन सरकार ने इस स्कीम को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है.

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कर्मचारी इस बात को लेकर भ्रम में थे कि इस स्कीम का फायदा लेने के लिए कर्मचारियों को छुट्टी लेनी होगी या नहीं. साथ ही किसी कर्मचारी को यात्रा कर बिल लगाने होंगे की नहीं. लेकिन फाइनेंस मिनिस्ट्री के अंदर आने वाले एक्सपेंडीचर विभाग ने साफ कर दिया है कि इस स्कीम का फायदा लेने के लिए कर्मचारियों को कहीं यात्रा करने या फिर यात्रा करने के लिए छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को छुट्टी और ट्रैवल अलाउंस की जगह ये स्पेशल पैकेज दिया जा रहा है. इस स्कीम के तहत मिले पैकेज को कर्मचारी अपनी मर्जी के मुताबिक खर्च भी कर सकते हैं.

दरअसल केंद्रीय या सरकारी कर्मचारियों को एलटीए या लीव ट्रैवल अलाउंस तभी मिलता है जब वो छुट्टी लेकर कहीं घूम कर आएं और आने के बाद अपनी यात्रा के सारे बिल और कागज जमा करें. अगर कर्मचारी कहीं घूमने नहीं जाते हैं तो उसे स्कीम का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है. लेकिन इस साल कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस साल एलटीए स्कीम के तहत कैश बाउचर देने का ऐलान किया है. ऐसे में कर्मचारियों को इस मुश्किल दौर में बड़ी राहत मिलगी. 

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इस स्कीम के तहत कर्मचारी छुट्टियों के बदले रेल और हवाई जहाज के किराए के तीन गुने के बराबर कोई सामान या सर्विस ले सकते हैं. इसका फायदा ये होगा कि आप बिना सफर किए इस स्कीम के तहत खर्च किए गए पैसे पर टैक्स बचत का फायदा भी ले सकेंगे. वहीं इस स्कीम के तहत मिले पैसे से कर्मचारी सिर्फ वो सही सामान खरीद सकते हैं जिन पर टैक्स 12 फीसदी से ज्यादा हो.