7th Pay Commission के तहत बच्चों की देखभाल और पढ़ाई के लिए सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को 730 दिन की छुट्टी देने का फैसला किया था. लेकिन इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने इसे घटाकर 365 दिन कर दिया है. रेलवे ने इसमें रद्दोबदल करते हुए महिला रेल कर्मचारियों को बच्‍चों की देखभाल के लिए सिर्फ 365 दिन की छुट्टी देने का फैसला किया है. इससे महिला रेलकर्मियों की परेशानी बढ़ गई है.

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आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर महिला रेलकर्मी 365 दिन के बाद भी छुट्टी पर रहती हैं तो उनकी सैलरी में से 20% रकम काट ली जाएगी. हालांकि रेलवे यूनियन ने इसका कड़ा विरोध किया है. दक्षिण पूर्व जोन मेंस कांग्रेस के महामंत्री एसआर मिश्रा ने कहा कि नया आदेश नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे से बगैर बातचीत के लिया गया है. इसका विरोध किया जाएगा.

आपको बता दें कि सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए सिंगल पुरुष पैरेंट्स के लिए यह प्रावधान किया था. बच्चों के लालन-पालन के लिए सिंगल पुरुष पैरंट को भी महिलाओं की तरह पेड लीव मिलने लगी थी.

2019 तक केवल महिला कर्मचारियों को अपनी पूरे सेवाकाल में दो साल या 730 दिनों की अधिकतम अवधि के लिए चाइल्ड केयर लीव (CCL) मिलती थी. इस दौरान उन्हें उनके वेतन का पूरा भुगतान किया जाता है. ऐसे केंद्रीय कर्मचारी जिन के बच्चों की उम्र 18 साल से कम है, वे CCL फायदा उठा सकेंगे.

वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक, सिंगल पुरुष कर्मचारी साल में 6 बार CCL ले सकेंगे. महिला कर्मचारियों को तीन बार में सीसीएल लेने की छूट है. इसके तहत हर जनवरी और जुलाई के पहले दिन पांच दिन का एडवांस लीव हरेक कैलेंडर वर्ष उनके अवकाश खाते में डाला जाएगा.

CCL के लिए सिंगल पुरुष कर्मचारी भी लंबे समय से मांग कर रहे थे. सिंगल कर्मचारियों की मांग को देखते हुए छठवें वेतन आयोग ने पुरुषों को भी सीसीएल की सुविधा देने की सिफारिशें की थीं.