Online Ph.D programmes: अगर आप भी किसी विदेशी संस्था से ऑनलाइन पीएचडी करने की सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. हायर एजुकेशन और टेकनिकल एजुकेशन रेगुलेटर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने शुक्रवार को बताया कि विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से एडटेक कंपनियों द्वारा पेश किए गए ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों को मान्यता नहीं है. ऐसे में अगर आप ऐसी किसी संस्था से पीएचडी करते हैं, तो आपकी मेहनत और समय दोनों बर्बाद हो जाएंगे. UGC ने इस साल ऐसी दूसरी चेतावनी दी है. इसके पहले UGC ने डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन मोड में पाठ्यक्रम की पेशकश के खिलाफ अपने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और संस्थाओं को चेतावनी देते हुए कहा था कि नियमों के मुताबिक, फ्रैंचाइजी समझौता स्वीकार नहीं है. 

UGC के नियमों को मानना है जरूरी

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UGC और AICTE ने एक संयुक्त स्टेटमेंट में कहा, "पीएचडी डिग्री प्रदान करने के मानकों को बनाए रखने के लिए, UGC ने यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री के पुरस्कार के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) विनियमन 2016 को बनाया है. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए यूजीसी विनियमों का पालन करना अनिवार्य है."

 

UGC ने छात्रों को दी सलाह

इसके साथ ही उन्होंने इस स्टेटमेंट में कहा कि छात्रों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे विदेशी शिक्षण संस्थाओं के सहयोग से एडटेक कंपनियों द्वारा ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों के विज्ञापनों के बहकावे में न आएं.

आदेश में कहा गया है, "ऐसे ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों को यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. इच्छुक छात्रों और आम जनता से अनुरोध है कि प्रवेश लेने से पहले यूजीसी विनियमन 2016 के अनुसार पीएचडी कार्यक्रमों की प्रामाणिकता को सत्यापित करें." 

इसक पहले केंद्र सरकार ने जुलाई में एडटेक कंपनियों को अनुचित व्यापार व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी थी. सरकार देश में सक्रिय एडटेक कंपनियों को विनियमित करने की नीति पर भी काम कर रही है.