UGC Circular: देश की यूनिवर्सिटीज में खाली पदों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) गंभीर हो गया है. यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने इसे लेकर यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर, संस्थानों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी किया है. इसमें फैकल्टी (संकायों) में स्थायी नियुक्तियों के बारे में निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि अकेले दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में ही विभिन्न विभागों में 1 अप्रैल 2021 के मुताबिक सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के करीब 846 पद खाली हैं. 

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खाली पदों को लेकर यूजीसी गंभीर

इन विभागों में 1706 पदों में से 860 पदों पर नियुक्ति की गई है, जबकि बाकी पद खाली पड़े हैं. यूजीसी ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की गतिविधियों के मॉनिटरिंग पोर्टल पर 31 दिसंबर 2021 से पहले यह पोर्टल अपलोड करें. साथ ही उसे यूजीसी की मॉनिटरिंग पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा. दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (DTA) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति करने से पहले EWS के अंतर्गत बढ़े पदों की मांग यूजीसी से की है. साथ ही 24 अगस्त के शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइंस का पालन करते हुए एससी, एसटी और ओबीसी कोटे के शिक्षकों का शॉर्टफॉल और बैकलॉग भरने की भी डिमांड की गई है.

जारी किए गाइडलाइंस

यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों की फैकल्टी में शिक्षकों की नियुक्तियों के बारे में यूजीसी के सचिव ने 4 जून 2019 को फैकल्टी टीचर्स की नियुक्ति के लिए चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने इस बारे में फिर से सभी विश्वविद्यालयों, मानद विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में नियुक्तियों के लिए यूजीसी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को अपनाते हुए गाइडलाइंस जारी किए हैं.

नियुक्ति को लेकर दिए निर्देश

यूजीसी के सर्कुलर में कहा गया है कि शिक्षक ही हैं जो संस्थानों में सीखने का सही वातावरण बनाते हैं और स्टूडेंट्स को समाज में एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में विकसित करते हैं. यूजीसी के मुताबिक उच्च शैक्षणिक संस्थानों में फैकल्टी शिक्षकों की कमी एक गंभीर मुद्दा है जिसे उच्च शिक्षा की क्वालिटी को प्राथमिकता देते हुए तुरंत हल किया जाना चाहिए. सर्कुलर में कहा गया है कि गया है कि संकाय सदस्यों की (फैकल्टी टीचर्स) नियुक्ति के बारे में उचित कदम उठाते हुए जल्द अपने विश्वविद्यालय और संबंधित कॉलेजों में नियुक्ति एनश्योर करें.

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