Sarkari Naukri: हिमाचल प्रदेश में 4,000 टीचर्स की होगी भर्ती, जानिए राज्य सरकार के अहम फैसले
Sarkari Naukri: हिमाचल प्रदेश मेंं जल्द ही 4,000 हजार टीचर्स की भर्ती की जाएगी. सीएम जयराम ठाकुर ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है.
Sarkari Naukri: इस पहाड़ी राज्य के बेरोजगारों के लिए बड़ी खबर है. हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द ही 4,000 टीचर्स की भर्ती करनेवाली है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार (24 अगस्त, 2021) को ये फैसला किया. जिसमें ड्राइंग शिक्षकों के 820 पद और शारीरिक शिक्षा के लिए 870 पद कॉन्ट्रेक्ट पर हैं. कुल पदों में से 2,640 प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट और बाकी हाइअर एजुकेशन डिपार्टमेंट में होंगे. वहीं सरकार ने फैसला लिया है कि वैकेंसी में तेजी लाई जाएगी.
दूर होगी पानी की दिक्कत
मंत्रिपरिषद ने 25 करोड़ डॉलर (1,813 करोड़ रुपये) के खर्च के साथ ग्रेटर शिमला क्षेत्र में शिमला वाटर सप्लाई और सीवरेज सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोग्राम को लेकर भी अहम फैसला किया है. इसकी फंडिग के लिए वर्ल्ड बैंक और केंद्र के आर्थिक मामलों के विभाग के साथ राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा बातचीत के मसौदे को मंजूरी दी गई है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 1,813 करोड़ रुपये में से वर्ल्ड बैंक 1,160.32 करोड़ रुपये की सहायता देगा और राज्य सरकार 652.68 करोड़ रुपये देगी. कैबिनेट ने शहरी विकास विभाग के प्रिंसिल सेक्रेटरी को वर्ल्ड बैंक के साथ वार्ता समझौते पर साइन करने के लिए ऑथराइज किया है.
बदल जाएगी शिमला की तस्वीर
प्रोजेक्ट की मुख्य बातों में 2050 तक पानी की मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 6.7 करोड़ लीटर प्रति दिन (MLD) के साथ सतलुज नदी से पानी की सप्लाई में वृद्धि और कुफरी, शोघी और घनहट्टी के विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों की थोक वाटर सप्लाई शामिल है. इस परियोजना में शकरोड़ी गांव के पास नदी से पानी उठाने की योजना तैयार की गई है, जिसमें 1.6 किमी की ऊंचाई तक उठाने और यहां के पास संजौली में 67 MLD पानी बढ़ाने के लिए 22 किलोमीर की पाइप बिछाना शामिल है. यह प्रोजेक्ट शिमला नगर निगम में ड्रिस्टिब्यूशन पाइप नेटवर्क को 24 घंटे 7 दिन वाटर सप्लाई प्रोसेस में अपग्रेड करने के लिए बदलने का भी प्रयास है. वहीं मेहली, पंथाघाटी, टोटू और मशोबरा के इलाकों में सीवरेज नेटवर्क बनाया जाएगा. यह राज्य के लिए एक प्रमुख परियोजना होगी क्योंकि इससे शिमला में वर्ल्ड क्लास वाटर सप्लाई और सीवरेज सिस्टम बनाने में मदद मिलेगी.
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