जिन्हें पढ़ने और पढ़ाने में रुचि है और शिक्षा के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह खबर बहुत ही महत्वपूर्ण है. अब बी.एड. करने के लिए छात्र को ग्रेजुएट होना जरूरी नहीं है. अब 12वीं कक्षा के बाद भी बीएड की डिग्री की हासिल की जा सकती है, लेकिन इसके साथ ही बी.एड. का डिग्री कोर्स 2 का नहीं बल्कि चार साल का होगा. नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने बी.एड के 4 वर्षीय के कोर्स को अपनी मंजूरी दे दी है. नई व्यवस्था वर्ष 2020-21 से लागू होने की संभावना है. 

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4 वर्ष का पाठ्यक्रम

अभी तक स्नातक के बाद बी.एड में दाखिला होता है. बी.एड का पाठ्यक्रम दो वर्ष का होता है. स्नातक की तीन वर्ष की पढ़ाई के बाद बी.एड की डिग्री के लिए अलग से 2 साल और खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन नई व्यवस्था से छात्र 12वीं के बाद सीधे बी.एड के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं. यह 4 वर्षीय पाठ्यक्रम होगा और इस तरह छात्र के एक साल बच जाएंगे.

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने बी.एड के नए पाठ्यक्रम पर अपनी मंजूरी दे दी है. एनसीटीई द्वारा इस नए पाठ्यक्रम को मान्यता देने के बाद अब छात्र पांच के बजाय चार वर्ष में बीएड की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे.

इन कॉलेजों में होगा लागू

बी.एड के चार वर्षीय पाठ्यक्रम की मान्यता केवल उन्हीं कॉलेजों को मिलेगी जिनमें कला, विज्ञान अथवा कॉमर्स में स्नातक अथवा स्नातकोत्तर की पढ़ाई हो रही हो.

सेमेस्टर सिस्टम में होगी पढ़ाई

बी.एड के नए पाठ्यक्रम में छात्र सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई करेंगे. प्रत्येक सेमेस्टर में 125 दिन यानी साल में 250 दिन कक्षाएं लगेंगी. अभी साल में 200 दिन पढ़ाई होती है. इसके अलावा हफ्ते में 40 घंटे कक्षाएं अनिवार्य रहेंगी. छात्रों की कक्षाओं में 80 फीसदी और इंटर्नशिप में 90 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य रखी गई है. इसके अलावा इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 12वीं में 50 फीसदी अंक जरूरी होंगे.