CMIE Data Latest Updates:  कोरोना काल के बाद अब भारतीय अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार होता दिखाई पड़ रहा है. रोजगार की स्थिति पहले से मजबूत हो रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) डाटा के मुताबिक फरवरी के मुकाबले मार्च के महीने में बेरोजगारी दर में कमी देखने को मिली है. जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से अच्छी खबर है. 

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सीएमआईई के मासिक आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी की दर फरवरी में 8.10 प्रतिशत थी, जो मार्च में घटकर 7.6 प्रतिशत रह गई. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. दो अप्रैल को यह अनुपात और घटकर 7.5 प्रतिशत रह गया. शहरी बेरोजगारी की दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 7.1 प्रतिशत रही.

कोरोना के बाद सुधर रहे हालात

भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर अभिरूप सरकार ने कहा कि बेरोजगारी की दर घट रही है, लेकिन भारत जैसे ‘गरीब’ देश की दृष्टि से यह अब भी काफी ऊंची है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी अनुपात में गिरावट से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है. सरकार ने कहा कि लेकिन भारत जैसे गरीब देश के लिए बेरोजगारी दर अभी काफी ऊंची है.

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बेरोजगारी नहीं झेल सकते ग्रामीण लोग

खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बेरोजगारी को नहीं झेल सकते. इसलिए उनको खाने-कमाने के लिए जो भी रोजगार मिल रहा है, वे उसके लिए तैयार हो जाते हैं. आंकड़ों के अनुसार, मार्च में हरियाणा में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक 26.7 प्रतिशत रही. उसके बाद राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में यह 25-25 प्रतिशत रही. बिहार में बेरोजगारी की दर 14.4 प्रतिशत, त्रिपुरा में 14.1 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 5.6 प्रतिशत रही.

पिछले साल ऐसा था हाल

अप्रैल, 2021 में कुल बेरोजगारी की दर 7.97 प्रतिशत थी। पिछले साल मई में यह 11.84 प्रतिशत के उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. मार्च, 2022 में कर्नाटक और गुजरात में बेरोजगारी की दर सबसे कम 1.8-1.8 प्रतिशत रही.