केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के ऑफिस ऑवर्स को बदलने की तैयारी कर रही है. इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसमें केंद्रीय कर्मचारियों का वर्किंग ऑवर 8 से 9 घंटे करने और महंगाई भत्‍ते (Dearness Allowance, DA) का ऐलान जनवरी और जुलाई के बजाय अप्रैल और अक्‍टूबर में करने का प्रस्‍ताव है. यह ड्राफ्ट लेबर मिनिस्‍ट्री ने तैयार किया है. 

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काम के घंटे बढ़ाने के पीछे मिनिस्‍ट्री का तर्क है कि इससे मिनिमम सैलरी तय हो जाएगी. मिनिस्‍ट्री ने इस पर सुझाव मांगे हैं. 1 महीने बाद नियमों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हफ्ते में 42 घंटे ड्यूटी का नियम है.

अगस्‍त में पास हुआ कानून

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने वेतन संहिता कानून बनाया है, जो अगस्‍त में संसद से पास हो चुका है. अब उसके लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं. ड्राफ्ट के मुताबिक वेतन संहिता, 2019 के सेक्‍शन 13 (सब सेक्‍शन 1, प्रोविजन A) के तहत मिनिमम सैलरी पाने के लिए कर्मचारियों को न्यूनतम 9 घंटे काम करना होगा. इमरजेंसी में 1 दिन में 16 घंटे तक काम करना पड़ सकता है.

कैसे तय होगी मिनिमम सैलरी

मिनिमम सैलरी पत्नी और दो बच्चों वाले परिवार की आजीविका और प्रति व्यक्ति रोजाना 2700 केलौरी वाले भोजन के आधार पर तय होगी. इसमें 66 मीटर कपड़े की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. इसमें मिनिमम सैलरी का 10 फीसदी खर्च भोजन और कपड़े, 20 फीसद कन्‍वेंस, बिजली-अन्य खर्चों और 25 फीसद बच्चों की पढ़ाई, इलाज, मनोरंजन, दूसरे जरूरी खर्चों पर माना जाएगा.

वीकली ऑफ

ड्राफ्ट के मुताबिक इम्‍प्‍लॉई को हफ्ते में 1 दिन छुट्टी मिलेगी. दफ्तर में काम का दबाव बढ़ने पर कर्मचारी को 10 दिन बाद ही वीकली ऑफ मिलेगा. अच्‍छी बात यह है कि अगर वीकली ऑफ रविवार नहीं है तो फिर सैलरी की गणना ओवरटाइम की दर से होगी.