CBSE Marking System: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में कोई डिवीजन (श्रेणी), डिस्टिंक्शन (विशेष योग्यता) नहीं देगा. यदि किसी कैंडिडेट्स ने पांच से अधिक सब्जेक्ट्स रखे हैं तो बेस्ट पांच सब्जेक्ट्स के निर्धारण करने का फैसला एडमिशन देने वाली संस्था या नियोक्ता पर निर्भर करता है. साथ ही बोर्ड द्वारा पर्संटेज को कैलकुलेट नहीं किया जाता है. 

CBSE Marking System: नहीं दी जाएगी कोई डिवीजन और डिस्टिंक्शन, संस्था करेगी बेस्ट फाइव का फैसला  

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CBSE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब कोई डिवीजन (श्रेणी) या डिस्टिंक्शन (विशेष योग्यता) नहीं दी जाएगी. सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक सान्याम भारद्वाज ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर कोई श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिए जाएंगे. यदि किसी अभ्यर्थी ने पांच से अधिक विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला संस्थान या नियोक्ता, उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है.’’ 

 

CBSE Marking System: बोर्ड नहीं करता अंक प्रतिशत की गणना

सान्याम भारद्वाज ने आगे कहा कि बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करता, उसकी घोषणा नहीं करता या सूचना नहीं देता. उन्होंने कहा, ‘‘यदि उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अंक प्रतिशत आवश्यक है तो इसकी गणना प्रवेश देने वाले संस्थान या नियोक्ता द्वारा की जा सकती है.’’ इससे पहले, सीबीएसई स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के उद्देश्य से वरीयता सूची जारी करने की परिपाटी भी खत्म कर चुका है. गौरतलब है कि सीबीएसई ने 10वीं क्लास 83 विषयों  और 12वीं के लिए 121 विषयों की मार्किंग स्कीम जारी की थी.

10वीं क्लास में इंग्लिश, हिंदी, मैथ्स, साइंस और सोशल साइंस जैसे पांच मुख्य सब्जेक्ट्स में इंटरनल असेसमेंट के लिए 20 मार्क्स निर्धारित किए हैं. वहीं, 12वीं की बात करें तो ज्योग्राफी, सायकोलॉजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बॉयोलॉजी, बॉयोटेक्नोलॉजी और फिजिकल एजुकेशन जैसे सब्जेक्ट्स के प्रैक्टिकल एग्जाम्स के लिए 30 मार्क्स निर्धारित किए हैं.