7th Pay Commission : यूपी के राज्‍य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर लामबंद हो रहे हैं. उन्‍होंने 29 अक्‍टूबर 2018 से रथ यात्रा निकालना शुरू की है, जिससे कर्मचारी व नेताओं को एकजुट किया जा सके. यह चेतना रथयात्रा 45 दिन तक चलेगी. इससे किसी सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. कर्मचारी नेताओं ने यहां तक कहा कि अगर उनकी मांग जल्‍द नहीं मानी गई तो वे 2019 के लोकसभा चुनाव की ड्यूटी का बहिष्‍कार करेंगे.

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एनपीएस में पेंशन भुगतान की गारंटी नहीं

संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति (S4), यूपी के संयोजक (वित्‍त) आरके वर्मा ने जी बिजनेस डिजिटल से कहा कि एनपीएस पर कर्मचारी व शिक्षक संगठनों को सबसे बड़ी आपत्ति यह है कि हजारों करोड़ रुपए शेयर मार्केट या अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं, बांड में निवेश किए जाएंगे. इस निवेश से जो रिटर्न आएगा उस आधार पर कर्मचारियों की पेंशन तय होगी.

किसी कर्मचारी की पेंशन बाजार की स्थिति पर निर्भर करना अन्‍याय जैसा है. जो कर्मचारी 3 से 4 दशक तक सरकार की सेवा करता है उसके लिए एनपीएस व्‍यवस्‍था हितकारी नहीं है. सरकार ने एनपीएस में पेंशन धनराशि के भुगतान की गारंटी भी नहीं दी है.

एनपीएस पर कोई वार्ता नहीं करेंगे कर्मचारी

एस4 के प्रांतीय अध्‍यक्ष एसपी तिवारी ने कहा कि भारत के सीएजी (CAG) ने एनपीएस में घोटाले की पोल खोली है. इसलिए हमारा संगठन एनपीएस पर सरकार से कोई वार्ता नहीं करेगा. राज्‍य कर्मचारी की तरह ही देश के माननीय विधायक व सांसद भी जनसेवक की भूमिका में हैं. फिर क्‍यों उनके एक दिन अपने पद पर बने रहने पर पेंशन देय है और सरकारी कर्मचारी, जो 3 से 4 दशक तक सेवा करता है, को पुरानी पेंशन तक नहीं नसीब होगी.

कौन है एस4

संयुक्‍त संघर्ष संचालन समिति, यूपी ने 5 सितंबर 2018 को प्रदेश के सभी डिस्ट्रिक्‍ट हेडक्‍वार्टर में धरना देकर सीएम को ज्ञापन दिया था. फिर 2 अक्‍टूबर 2018 को कैंडिल मार्च निकालकर विरोध जताया था. इस संगठन को राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद, यूपी राज्‍य कर्मचारी महासंघ (अजय सिंह), जूनियर हाईस्‍कूल शिक्षक संघ, उत्‍तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्‍नातक एसोसिएशन, राजकीय शिक्षक संघ, राष्‍ट्रीय शैक्षिक महासंघ आदि संगठनों का समर्थन प्राप्‍त है.

क्‍या है योजना

एस4 के बैनर तले कर्मचारी नेता 29 अक्‍टूबर 2018 से चेतना रथ यात्रा निकालेंगे. यह अभियान 14 दिसंबर 2018 तक चलेगा. इसके तहत अब तक आधा दर्जन से ज्‍यादा जिलों में सभाएं हुई हैं, जिनमें हजारों की संख्‍या में कर्मचारी व शिक्षक जुटे. यह रथयात्रा एक दिन में दो डिस्ट्रिक्‍स हेडक्‍वार्टर कवर कर रही है.