केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के HRA (मकान किराया भत्‍ता) को लेकर जारी कन्‍फ्यूजन दूर कर दिया है. इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों को सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में कहा गया है कि अगर किसी सिटी को विशेष छूट दी गई है तो वह जारी रहेगी. हां, अगर किसी शहर की जनसंख्‍या को ध्‍यान में रखकर उसका अपग्रेडेशन हुआ है तो वहां के कर्मचारियों का HRA बढ़ जाएगा.

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केंद्र सरकार ने HRA रिवाइज किया

एजी ऑफिस ब्रदरहुड, इलाहाबाद के पूर्व अध्‍यक्ष और ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स एसोसिएशन के असिस्‍टेंट सेक्रेटरी जनरल हरीशंकर तिवारी ने 'जी बिजनेस' डिजिटल को बताया कि 7वां वेतन आयोग लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने HRA रिवाइज किया था. इसमें 3 कैटेगरी-X,Y व Z बनाई गई थी. X कैटेगरी वाले शहरों में 50 लाख रुपए से ज्‍यादा आबादी वाले शहर शामिल हैं. यहां रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को सर्वाधिक 24 फीसदी/प्रति माह HRA मिलता है. वहीं Y कैटेगरी के शहरों में HRA 16 प्रतिशत है. जबकि Z कैटेगरी में HRA 8% है.

जनसंख्‍या के आधार पर अपग्रेडेशन

वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक अगर किसी शहर का जनसंख्‍या के आधार पर अपग्रेडेशन हुआ है तो वहां रहने वाले सरकारी कर्मचारी का HRA बढ़ जाएगा. हरीशंकर तिवारी ने बताया कि अगर किसी शहर की आबादी 5 लाख से ज्‍यादा हो जाती है तो वह Z कैटेगरी से Y कैटेगरी में आ जाएगा. यानि उसे 8% के बजाय 16% HRA मिलने लगेगा. 

शहरों की 3 कैटेगरी

तिवारी ने बताया कि HRA के लिए शहरों की कैटेगरी 2011 की जनगणना के आधार पर तय हुई है. हालांकि सरकार अपनी एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर भी शहरों का अपग्रेडेशन करती है. इसी बात का जिक्र वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर में किया गया है कि अगर शहर का अपग्रेडेशन हुआ है तो वहां के कर्मचारियों का HRA बढ़ जाएगा.