देशभर में करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की नजर केंद्र सरकार पर टिकी है. माना जा रहा है कि सरकार दशहरा-दिवाली तक केंद्रीय कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर देंगे. लंबे इंतजार के बीच कर्मचारी हड़ताल पर जाने की धमकी दे चुके हैं. कुछ राज्यों में धरना-प्रदर्शन भी किया जा चुका है. लेकिन, इंतजार अब भी बरकरार है. दरअसल, राज्य स्तर पर तो सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया गया है. लेकिन, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इंतजार लंबा होता जा रहा है. पिछले साल से अब तक चार बार ऐसे मौके आए हैं, जब केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें जगी हैं. लेकिन, हाथ में कुछ नहीं है. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार कर्मचारियों को खुश करने के लिए दिवाली के आसपास सैलरी में इजाफे की घोषणा कर सकती है. दरअसल, अगले साल आम चुनाव होने हैं, इससे पहले सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को खुश करना चाहती है. 

सातवें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी और फिटमेंट फैक्टर का फायदा कर्मचारियों की मांग के अनुरूप मिलेगा जो सिफारिशें की गई थीं? इस पर फैसला तभी होगा, जब यह सिफारिशें लागू होंगी. अबतक इस पर संशय बरकरार है.

केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वेतन आयोग ने जो सिफारिशें दी थीं, उसके मुताबिक ही सैलरी बढ़ेगी. वहीं, केंद्रीय कर्मचारी लगातार 18000 के मुकाबले 26000 रुपए तक सैलरी बढ़ाने की मांग कर रही हैं. वहीं, फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफे की मांग की जा रही है. 

वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 14.27 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. इसमें न्यूनतम सैलरी 7000 से बढ़ाकर 18000 की जानी है. हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी 26000 रुपए होनी चाहिए. साथ ही फिटमेंट फैक्टर भी 3.68 गुना होना चाहिए.

केंद्रीय कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की घोषणा हो सकती है. पीएम मोदी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर सकते हैं. अभी कर्मचारियों को बेसिक सैलरी में 2.57 के फिटमेंट फॉर्मूले के तहत सैलरी मिलती है. कर्मचारियों की काफी वक्त से मांग है कि उनकी बेसिक सैलरी को 26,000 कर दिया जाए, जबकि आयोग ने 18,000 तक के बेसिक पे की सिफारिश की है.