World Homeopathy Day 2023: आज विश्व होम्योपैथिक दिवस है. इस दिन को मनाने का मकसद होम्योपैथी की चिकित्सा पद्धति को लेकर पूरी दुनिया में जागरूकता फैलाना है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूक करना है. होम्योपैथी पर लोगों का भरोसा इसलिए भी है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट की संभावना कम और ठीक होने की संभावना अधिक देखी गई है. विश्व होम्योपैथिक दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय ने भी नई दिल्ली में एक वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया.

10 अप्रैल को होम्योपैथिक दिवस क्यों मानते हैं

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‘विश्व होम्योपैथिक दिवस’ होम्योपैथी के संस्थापक डॉ सैमुअल हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. होम्योपैथी के जरिए गंभीर बीमारी का इलाज खोजने का श्रेय इन्हें ही जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल अलग-अलग थीम पर इसे सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल की थीम ‘होम्योपैथी: पीपल्स चॉइस फॉर वेलनेस’ है. विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनवाल ने होम्योपैथी के संस्थापक डॉ सैमुअल हैनीमैन को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस पेशे में सेवारत सभी डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को शुभकामनाएं दीं.

‘लाइक क्योर लाइक’ के सिद्धांत पर आधारित

होम्योपैथी ग्रीक शब्द होमियो से लिया गया है जिसका अर्थ है समान और पाथोस मतलब पीड़ा या बीमारी. आज होम्योपैथी पर लोगों का भरोसा इसलिए भी है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट की संभावना कम होती है और ठीक होने की संभावना अधिक देखी गई है. होम्योपैथी दवाएं ‘लाइक क्योर लाइक’ के सिद्धांत पर आधारित है. इसका अर्थ है कि जिस पदार्थ को कम मात्रा में लिया जाता है वही लक्षण बड़ी मात्रा में लेने पर ठीक हो जाते हैं.F

वैज्ञानिक सम्मेलन का हुआ आयोजन

विश्व होम्योपैथिक दिवस 2023 के अवसर पर आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयुष मंत्रालय के तहत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद द्वारा एकदिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया गया. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस एकदिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन की थीम ‘होमियो परिवार- सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार’ है. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने विश्व होम्योपैथिक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर साल 10 अप्रैल को डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल केवल चिकित्सा उपचार के बारे में नहीं है बल्कि इसमें व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ और एक समुदाय का सामाजिक और आर्थिक वातावरण शामिल है.

स्वास्थ्य के बिना कोई भविष्य नहीं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि G-20 अध्यक्षता में भारत का आदर्श वाक्य ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है. स्वास्थ्य के बिना कोई भविष्य नहीं हो सकता है. विश्व और जन कल्याण के लिए स्वस्थ रहना अनिवार्य है. हमारे ऋषि-मुनि भी कह गए हैं कि पहला सुख निरोगी काया होता है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 का मुकाबला करने में होम्योपैथी की भूमिका को आगे बढ़ाया है. होम्योपैथी ने महामारी का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि आज भारत को विश्व की फार्मेसी कहा जाता है और इसका श्रेय भारत की गुणवत्ता आश्वासन प्रतिबद्धता को जाता है.

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रिपोर्ट: PBNS