Womens Reservation Bill: लोकसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया है.देश की राजनीति पर व्यापक असर डालने की क्षमता वाले 'नारीशक्ति वंदन विधेयक' को सदन ने बुधवार को मंजूरी दे दी, जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शामिल है. इससे संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद लोकसभा ने 2 के मुकाबले 454 वोट से अपनी स्वीकृति दी. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया. हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने विधेयक का विरोध किया. सदन में ओवैसी समेत AIMIM के दो सदस्य हैं. विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) मौजूद थे. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की. राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया. इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं.

 

महिला आरक्षण बिल पर कल होगी राज्यसभा में चर्चा

लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पास होने के बाद लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पर गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा होगी. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में इसकी घोषणा की.

उन्होंने कहा कि लोकसभा में विधेयक के पारित होने के बाद इसे उच्च सदन में चर्चा एवं पारित किए जाने के लिए पेश किया जाएगा. इस विधेयक पर चर्चा के लिए साढ़े सात घंटे का समय तय किया गया है.

लोकसभा चुनावों के बाद होगी जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Ami Shah) ने लोकसभा में बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जनगणना और परिसीमन की कार्रवाई पूरी की जाएगी और लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा. 

हालांकि विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि देश में जनगणना और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू करने में कई साल लग जाएंगे. जिसके जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हेड करते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं. उन्होंने कहा कि यह आयोग हर राज्य में जाकर पारदर्शी तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे केवल और केवल पारदर्शिता का ही सवाल है.

महिला आरक्षण बिल से किसे होगा फायदा?

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी. विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें