How Solar Panel works: टेक्नोलॉजी के इस दौर में हमें अपने चारों तरफ नई-नई टेक्नोलॉजी देखने को मिल जाती है. इन्हीं टेक्नोलॉजी में एक टेक्नोलॉजी ऐसी भी है, जो इस समय की सबसे बड़ी मांग है. जी हां, हम बात कर रहे हैं सोलर एनर्जी (Solar Energy) की. भारत में अब सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी इलाकों में भी सोलर एनर्जी का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है. ये तो हम सभी जानते हैं कि सोलर एनर्जी से बिजली मिलती है, जिससे हमारे घरों में मौजूद बिजली के उपकरण चलते हैं. घरों में आने वाली ये सोलर एनर्जी हमें सोलर पैनल की मदद से मिलती है. लेकिन क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया कि आखिर सोलर पैनल में ऐसी क्या चीज होती है और ये कैसे काम करता है, जिससे हमें बिजली मिलती है? आज हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देंगे.

सोलर पैनल क्या है और ये कैसे काम करता है

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छतों पर लगाए जाने वाले सोलर पैनल फोटोवोल्टिक सेल्स (Photovoltaic Cells) से बने होते हैं जो सूर्य की रोशनी को बिजली में कन्वर्ट कर देते हैं. फोटोवोल्टिक सेल्स को सिलिकॉन जैसे सेमी-कंडक्टिंग पदार्थ की परतों के बीच फिट कर दिया जाता है. इन सभी परतों में अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक गुण होते हैं जो सूरज की रोशनी में मौजूद फोटॉन के साथ संपर्क में आने के बाद एक्टिव हो जाते हैं, जिससे एक इलेक्ट्रिक फील्ड बनता है. इसे फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट के रूप में जाना जाता है और ये वही चीज है जो बिजली पैदा करने के लिए जरूरी करंट बनाता है.

इन्वर्टर से होकर गुजरने के बाद ही इस्तेमाल हो पाती है सौर ऊर्जा

सौर पैनल, बिजली का डायरेक्ट करेंट उत्पन्न करते हैं. इसके बाद इसे एक इन्वर्टर की मदद से ऑल्टरनेटिंग करेंट (Alternating Current) में कन्वर्ट किया जाता है. जिसके बाद ही इसे घर, दुकान आदि जगहों पर उपलब्ध बिजली के उपकरणों को चलाने में इस्तेमाल किया जाता है जो आपकी छतों पर लगे सोलर पैनल से कनेक्ट रहते हैं.