Weather Update: गर्मी का मौसम आ गया है, लेकिन इससे पहले ही चुभती गर्मी (Heat wave) का मौसम आता मौसम विभाग (IMD) ने अच्छी खबर दे दी है. मौसम विभाग के अनुसार, देश में अच्छी बारिश का अनुमान जताया गया है. जून से सितंबर के दौरान अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है. वहीं दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है. जल्द ही दिल्ली एनसीआर से लेकर बिहार और मध्य प्रदेश में गर्मी से थोड़ी राहत मिलने वाली है.

देश में जोरदार बारिश का अनुमान: IMD

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IMD की जानकारी के मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत, पूर्वोत्तर भारत के साथ-साथ मध्य भारत में बारिश होने की संभावना है. बारिश के बाद लोगों को चुभती-जलती गर्मी से राहत मिल सकती है. जून से सितंबर के दौरान अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है. सामान्य से बेहतर 106% बारिश का अनुमान लगाया गया है, यानी बारिश से मौसम ठंडा रहेगा और लोगों को इस साल गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा. 

मौसम विभाग के अनुसार, 96% से 104% बारिश को सामान्य बारिश माना जाता है. यानी बारिश अगर 104% से अधिक होती है तो उसे सामान्य से बेहतर बारिश माना जाता है. IMD का कहना है कि अल नीनो की स्थिती धीरे-धीरे कमजोर हो रही है. ऐसे में अगस्त-सितंबर के बीच ला नीना की स्थिति पैदा हो सकती है. 'ला नीना' का मतलब है अच्छी बारिश के संकेत. 

जून का पूर्वानुमान जारी करेगा IMD

मौसम विभाग ने बताया कि मई के आखिर में जून का पूर्वानुमान जारी कर देंगे. मई मध्य में मॉनसून के आगमन की तारीख का ऐलान किया जाएगा. 

कैसा रहेगा मौसम?

ज्यादातर ला नीना वाले सालों में सामान्य या उससे अच्छी बारिश होती है. देश के 80% हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद जताई गई है. इस साल 29% सामान्य बारिश का अनुमान लगाया गया है, यानी गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा. IMD ने सामान्य से ज्यादा बारिश का 31% अनुमान लगाया है और सामान्य से कम बारिश का 2% अनुमान है. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दीर्घावधि पूर्वानुमान 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु की वर्षा के लिए जारी किया है.

1) पूरे देश में 2024 दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतुनिष्ठ (जून से सितंबर) बारिश सामान्य से ज्यादा (दीर्घावधि औसत (एलपीए/Long Period Average/LPA) का 104%) होने की संभावना है. मात्रात्मक रूप से, पूरे देश में ऋतुनिष्ठ वर्षा ± 5% की मॉडल त्रुटि के साथ एलपीए/LPA का 106% होने की संभावना है. 1971-2020 की अवधि के लिए पूरे देश में ऋतुनिष्ठ वर्षा का दीर्घावधि औसत (एलपीए/LPA) 87 सेमी. है.

2) वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम (moderate) स्थिति बनी हुई है. नवीनतम एमएमसीएफएस/MMCFS के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि मानसून ऋतु के शुरुआती भाग के दौरान अल नीनो की स्थिति और कमजोर होकर तटस्थ ईएनएसओ/ENSO स्थितियों में परिवर्तित होने की संभावना है और इसके बाद मानसून ऋतु के दूसरे भाग में ला नीना स्थितियां विकसित होने की संभावना है.

3) वर्तमान में, हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव/डाइपोल (आईओडी/IOD) स्थितियां मौजूद हैं और नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि सकारात्मक हिंद महासागर द्विध्रुव/डाइपोल (आईओडी/IOD) स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु के उत्तरार्ध के दौरान विकसित होने की संभावना है.

4) पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च 2024) के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ की आवरण सीमा सामान्य से कम थी. उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत में बर्फ की आवरण सीमा का आगामी भारतीय ग्रीष्मकालीन मानसून वर्षा के साथ सामान्यतः विपरीत संबंध है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मई 2024 के अंतिम सप्ताह में मानसून की ऋतुनिष्ठ बारिश के लिए अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा.