कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच राहत भरी खबर आ रही है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि भारत में Al Nino परिस्थितियों के कारण इस बार मॉनसून (Monsoon) के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. मौसम पूर्वानुमान लगाने वाली निजी इकाई वेदर कंपनी ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि Monsoon 31 मई को केरल में दस्तक दे सकता है. अगर अनुमान सच होता है, तो भारत में इस वर्ष भी मानसून सामान्य से अधिक रहेगा, ऐसा लगातार दूसरे वर्ष होगा. 

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इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने इस साल गर्मी में देश के उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों में ग्रीष्म लहर का प्रकोप पिछले साल की तुलना में अधिक रहेगा. IMD के मुताबिक अप्रैल से जून के दौरान सामान्य तापमान में औसतन 0.5 से 1.0 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है. 

उत्तर पश्चिम भारत में पंजाब (Heatwaves in Punjab), हरियाणा (Heatwaves in Haryana), राजस्थान (Heatwaves in Rajasthan), दिल्ली (Heatwaves in Delhi) और उत्तर प्रदेश (Heatwaves in Uttar Pradesh) सहित आसपास के मैदानी इलाकों में अप्रैल, मई और जून के महीने में सामान्य से अधिक गर्मी हो सकती है.

विभाग ने इस साल गर्मी के मौसम में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक रहने का अनुमान जताया है. इसका सीधा असर दिन के समय अत्यधिक गर्मी रहने के रूप देखने को मिल सकता है. 

विभाग की क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल गर्मी का असर मैदानी क्षेत्रों के अलावा पहाड़ी इलाकों में भी तुलनात्मक रूप से अधिक रहने की संभावना है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों के अलावा पश्चिमी राजस्थान में तीन महीने के दौरान औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस से भी अधिक जा सकता है. 

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विभाग ने पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, उत्तरी और दक्षिणी कर्नाटक, गोवा, रायलसीमा और केरल तक इस अवधि में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया है. देश के बाकी इलाकों में गर्मी के दौरान औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रह सकता है. 

विभाग ने ग्रीष्म लहर की आशंका वाले इलाकों में उत्तर के मैदानी राज्यों के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना के भी कुछ इलाकों को शामिल किया है.

मौसम संबंधी मानकों के मुताबिक 40 डिग्री सेल्सियस से कम सामान्य तापमान वाले इलाकों में किसी दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर उस इलाके में ग्रीष्म लहर की स्थिति मानी जाती है. वहीं 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक सामान्य तापमान वाले इलाकों में ग्रीष्म लहर के लिये अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से छह डिग्री सेल्सियस अधिक होना जरूरी है.

विभाग ने दीर्घकालिक पूर्वानुमान रिपोर्ट में गर्मी के संभावित रुख को देखते हुये इस साल मानसून के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में शुष्क दिनों (Dry Day) की संख्या में इजाफा होने का भी अनुमान जताया है.