Top-10 Indian Billionaires Oxfam study Reports: देश में कोरोना वायरस (coronavirus) के मामले अभी भी आ रहे हैं. कोरोना काल में अधिकतर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. किसी की जॉब गई तो किसी बिजनेस ठप्प हो गया. लोगों की आर्थिक हालत इस महामारी के दौरान बद से बदतर होती चली गई. लेकिन इस दौरान भारत के अरबपतियों (billionaires) की लिस्ट में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. 

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कोरोना काल में भारत के अरबपतियों की कुल संपत्ति बढ़कर दोगुने से अधिक हो गई है. एक अध्ययन में पाया गया कि देश के 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 25 साल तक देश के हर बच्चे को स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा देने के लिए काफी है. अध्ययन के मुताबिक इस दौरान भारत में अरबपतियों की संख्या 39 प्रतिशत बढ़कर 142 हो गई. दरअसल, ऑक्सफैम इंडिया की वार्षिक असमानता सर्वेक्षण में इस बात का दावा किया गया है. 

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142 भारतीय अरबपतियों के पास है 53 लाख करोड़ से अधिक रुपये

विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंस में ऑक्सफैम इंडिया की वार्षिक असमानता सर्वेक्षण में कहा गया कि यदि सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कर लगा दिया जाए, तो देश को लगभग 17.7 लाख अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मिल सकते हैं. आर्थिक असमानता पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 142 भारतीय अरबपतियों के पास कुल 719 अरब अमेरिकी डॉलर (53 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्ति है. 

कोरोना काल में बढ़ी अमीरों की संपत्ति

देश के सबसे अमीर 98 लोगों की कुल संपत्ति, सबसे गरीब 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यदि 10 सबसे अमीर भारतीय अरबपतियों को प्रतिदिन 10 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च करने हों तो उनकी वर्तमान संपत्ति 84 साल में खत्म होगी.

ऑक्सफैम ने कहा कि इन अरबपतियों पर वार्षिक संपत्ति कर लगाने से हर साल 78.3 अरब अमेरिकी डॉलर मिलेंगे, जिससे सरकारी स्वास्थ्य बजट में 271 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की शुरुआत एक स्वास्थ्य संकट के रूप में हुई थी, लेकिन अब यह एक आर्थिक संकट बन गया है. महामारी के दौरान सबसे धनी 10 प्रतिशत लोगों ने राष्ट्रीय संपत्ति का 45 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया, जबकि नीचे की 50 प्रतिशत आबादी के हिस्से सिर्फ छह प्रतिशत राशि आई.