रैपिडएक्स स्टेशनों पर सफ़र करने वालों के लिए अच्छी खबर है. इन इस स्टेशनों पर अब वर्चुअल स्टोर खोले जाने की तैयारी चल रही है. ऐसा भारत में पहली बार होने जा रहा है.अब रेल में यात्रा करने वाले यात्री स्टेशन पर मौजूद वर्चुअल स्टोर पर लगे Q-R Code की मदद से सामान को बुक कर सकेंगे. इधर, स्टेशन पर खड़े होकर वर्चुअल ऑर्डर करेंगे, उधर कुछ घंटों में ऑर्डर किया हुआ सामान घर पर पहुंच जाएगा. दक्षिण कोरिया में सालों से चल रहे इस वर्चुअल स्टोर्स अब भारत में शुरू होने वाला है. 

सियोल में 2010-12 में ही खुल गया था ऑनलाइन स्टोर 

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दक्षिण कोरिया में इस तरह के वर्चुअल स्टोर इसलिए खोले गए, क्योंकि लोगों के पास मार्केट जाने का वक्त नहीं होता है. हालांकि इस वर्चुअल स्टोर के खुलने के बाद वहां सामान कि बिक्री 130 फीसदी तक बढ़ गई. दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में ये तकनीक साल 2010-12 के आस-पास आई थी. ब्रिटिश श्रृंखला टेस्को, जिसे दक्षिण कोरिया में होम प्लस के नाम से जाना जाता है. टेस्को ने पूरे देश में अधिक स्टोर खोले बिना किराना प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ाने की योजना बनाई थी. जिसके बाद सियोल में रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों के आसपास वर्चुअल स्टोर खोले दिए गए. इन स्टोर पर कई बड़ी स्क्रीन लगी होती हैं, जहां हर सामान डिस्प्ले पर नजर आता है. ये डिस्प्ले ठीक वैसे दिखाई पड़ती हैं, जैसे दुकान में सामान रखा हो.

स्मार्ट फोन से स्कैन कर कर सकेंगे ऑर्डर

बता दें कि कस्टमर अपने स्मार्टफोन से स्टोर पर रखे डिस्प्ले सामान को स्कैन करके ऑर्डर कर उसका पेमेंट हाथोंहाथ कर सकेगा. इसके बाद कुछ ही घंटे में ऑर्डर किया सामान कस्टमर के घर तक पहुंचा दिया जाएगा. वर्चुअल स्टोर खोलने के बाद टेस्को की ऑनलाइन बिक्री 130 गुना तक बढ़ गई थी. ये योजना इसलिए लाई गई, क्योंकि लोगों के पास मार्केट घूमने, सामान खरीदने का टाइम नहीं था. इसलिए जब वे बस या रेलवे स्टेशन पर ट्रांसपोर्ट का इंतजार कर रहे होते हैं, तब तक वे ऑनलाइन शॉपिंग करके अपने समय का बचत कर लेते हैं.

दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में खुलेंगे स्टोर 

NCRTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया, यह योजना अब भारत में पहली बार लाई जा रही है. 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिडएक्स कॉरिडोर पर ऐसे कई वर्चुअल स्टोर खोलने का प्लान किया जा रहा हैं. इस वर्चुअल स्टोर से कस्टमर अपने जरूरत कि सभी वस्तुओं को आसानी से खरीद सकेगा. कस्टमर अपने मूल स्थान से शॉपिंग करेंगे और खरीदा हुआ सामान उनके गंतव्य (Destination) स्टेशन तक पहुंच जाएगा. कयास लगाया जा रहा है कि, ये ट्रांसपोर्टेशन ई-कॉमर्स या अन्य तरीकों की तुलना में तेज काम करेगा. माना जा रहा है कि दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ में ऐसे एक-एक वर्चुअल स्टोर खोले जा सकते हैं.

NCRTC के डायरेक्टर का बयान 

NCRTC के डायरेक्टर विनय कुमार सिंह ने कहा, रैपिडएक्स की फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी के लिए हम नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू विकल्पों को तलाश रहे हैं. इसमें पैनल एडवरटाइजिंग, एक्सपीरियनशियल एडवरटाइजिंग, रीटेल दुकानें, सेमी-नेमिंग राइट्स, रियल एस्टेट डेवेलपमेंट आदि शामिल है. उन्होंने कहा कि रैपिडएक्स के स्टेशन आमतौर पर 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. इन स्टेशनों को ट्रांसपोर्टेशन के अन्य साधनों के साथ जोड़ा गया है. यह बड़े ब्रांड्स के लिए एक अच्छा मौका होगा कि वो रैपिडएक्स स्टेशन के साथ अपना नाम जोड़कर एक यूनिक रीकॉल वैल्यू बना सकते हैं.

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