वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का रविवार को तीसरा और अंतिम दिन था. उम्मीद के मुताबिक इस समिट में इंफ़्रा, MSME, स्मार्ट सिटी, टेक्सटाइल, शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में निवेश के लिए एमओयू भी साइन हुए. सब से अधिक सूक्ष्म तथा लघु उद्योग क्षेत्र (एमएसएमई) में 21,000 एमओयू साइन हुए. पूरी समिट में कुल 29,000 के आसपास एमओयू साइन हुए. गुजरात सरकार का लक्ष्य रहेगा कि जिन कंपनियों ने निवेश की घोषणा की है वे जल्द ही निवेश प्रक्रिया भी शुरू करें. 

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18 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात समिट की 9वीं श्रृखंला का आगाज़ किया था. उन्होंने कहा था कि हर हाल में भारत दुनिया में सब से अच्छा देश बनकर रहेगा जो कारोबार करने में उपयुक्त हो. उन्होंने जिक्र किया था कि 1991 के बाद अगर कारोबार करने के लिए कोई अच्छा समय है तो अब है. 

वाइब्रंट समिट के पहले दिन मुकेश अम्बानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिरला, एस्सार ग्रुप समेत सभी दिग्गजों ने मंच पर से ही 3.86 लाख करोड़ रुपये के गुजरात में निवेश की घोषणा की. तीन दिन में 28,000 से अधिक के एमओयू साइन हुए हैं और लाखोंकरोड़ रुपये के निवेश की लोगों ने इच्छा जताई है. इतना ही नहीं ट्रेड शो में तो बीटूबी में उद्योगपतियों ने 15,000 करोड़ के प्रोडक्ट भी लिए और उनके एमओयू साइन हुए. 

वाइब्रेंट गुजरात समिट एक तरह से उद्योग जगत के लिए ऑक्सीजन समिट साबित हुआ. यहां देश-विदेश के पॉलिसी मेकर भी आये जो उद्योग जगत की नीति बनाते हैं. यहां एक ही मंच से उन सबको विचार-विमर्श करने का ही नहीं बल्कि भविष्य का रोडमैप बनाने का अवसर भी मिला.