यूपी (UP) सरकार ने प्रदेश में बेटियों की बर्थ बढ़ाने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार कई तरह के उपाय और प्रोत्‍साहन प्रोग्राम कर रही है. अब 25 अक्‍टूबर को सरकार बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए 'कन्या सुमंगला योजना' (Kanya Sumangla Yojana) शुरू करेगी. CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) 25 अक्टूबर को इस योजना को लॉन्‍च करेंगे. इस योजना में सरकार बेटी के जन्म के समय से लेकर इंटर में पहुंचने तक 6 बार में 15 हजार रुपये देगी. 

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ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन

योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट (https://mksy.up.gov.in) भी तैयार हो गई है. सरकार ने चालू कारोबारी साल में इस योजना के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट रखा है. इस वेबसाइट से आप अपनी बेटी का डिटेल भरकर आवेदन कर सकते हैं. सरकार ऑफलाइन आवेदन की सुविधा भी देगी.

अप्रैल के बाद जन्‍मी बेटी को लाभ

सरकार के मुताबिक बच्‍ची के जन्म के समय से लेकर इंटर तक छह बार में 15 हजार रुपये दिए जाएंगे. पहली बार अगर बेटी का जन्‍म एक अप्रैल 2019 और इसके बाद हुआ है तो उसे रुपए मिलेंगे. इसके बाद दूसरी बार में उन बच्चियों को शामिल किया जाएगा जिनका 1 वर्ष के भीतर वैक्सि‍नेशन पूरा हो चुका है और उनकी बर्थ एक अप्रैल 2018 से पहले न हुई हो.

6 बार पैसा देगी सरकार

तीसरी बार में चालू एके‍डमिक सीजन में फर्स्‍ट क्‍लास में प्रवेश लेने वाली बच्‍ची को रकम मिलेगी. चौथी श्रेणी में वह बच्चियां शामिल होंगी जिन्होंने कक्षा 6 में दाखिला लिया है. 5वीं श्रेणी में वे बच्चियां आएंगी जिन्होंने चालू सत्र में क्‍लास 9 में दाखिला लिया है. छठी श्रेणी में इंटर पास कर ग्रेजुएशन में दाखिला लेने वाली बच्चियों को रखा गया है.

3 लाख सालाना आय

इस योजना का लाभ उन्‍हीं लोगों को मिलेगा जिनकी अधिकतम 3 लाख रुपये तक सालाना आय है. इसमें किसी परिवार की अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ दिया जाएगा.

कब कितनी मिलेगी धनराशि

> जन्म के समय-2000 रुपये

> वैक्सिनेशन के बाद-1000 रुपये

> क्‍लास फर्स्‍ट में दाखिले के बाद-2000 रुपये

> क्‍लास 6 में प्रवेश के बाद-2000 रुपये

> क्‍लास 9 में दाखिले के बाद-3000 रुपये

> ग्रेजुएशन या फिर दो वर्ष या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो-5000 रुपये 

सरकार ने बदली योजना

इस योजना में 12वीं के बाद डिप्लोमा में दाखिला लेने वाली छात्राएं पात्र हैं लेकिन 10वीं बाद डिप्लोमा कोर्सेज की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. इससे पॉलिटेक्निक और IERT के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. इसे लेकर लगातार मांग उठती रही जिसके बाद नियमों में बदलाव किया गया.