लॉकडाउन में भी खोल सकते हैं अपनी फैक्टरी, यूपी सरकार ने तैयार किया यह प्लान
प्रदेश में मौजूद ईंट भट्ठों पर हजारों की संख्या में मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण भट्ठों के बंद होने से मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है.
कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) को और ज्यादा फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (lockdown) लागू है. लॉकडाउन के चलते 14 अप्रैल तक दुकान से लेकर तमाम उद्योग-धंधों पर ताले लगे रहेंगे. इस बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने कुछ चुनिंदा औद्योगिक इकाइयों को खोलने का प्लान तैयार किया है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में श्रमिकों और कर्मचारियों को वेतन भुगतान में आसानी के लिए राज्य सरकार ने औद्यौगिक इकाइयों को कुछ शर्तो के साथ चलाने की छूट दी है. सरकार ने कहा है कि सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए औद्यौगिक इकाइयां चालू कीं जा सकतीं हैं. लेकिन इसके लिए जिला उपायुक्त, उद्योग से कर्मचारियों को पास लेना होगा.
राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण औद्यौगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों को वेतन आदि का भुगतान करने के लिए संबंधित औद्यौगिक इकाइयों को सीमित संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ चलाने की छूट दी जा सकती है.
उन्होंने कहा है कि काम पर आने और जाने के लिए कर्मचारियों और श्रमिकों को प्रवेश पत्र जारी करने के लिए जनपद उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग को अधिकृत किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश में ईट-भट्ठों का खासतौर से जिक्र किया है.
दरअसल, प्रदेश में मौजूद ईंट भट्ठों पर हजारों की संख्या में मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन के कारण भट्ठों के बंद होने से मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है. ऐसे में राज्य सरकार ने शर्तों के साथ इन औद्यौगिक इकाइयों के संचालन की छूट दी है.
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श्रमिकों के खाते में पैसा ट्रांसफर
इसस पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य में 27.15 लाख मनरेगा मजदूरों के बैंक खातों में 611 करोड़ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इसके साथ ही योगी ने बहराइच, वाराणसी, सोनभद्र और देवरिया के चार श्रमिकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और उन्हें योजना की जानकारी भी दी.