उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) ने स्मार्ट मीटर बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर दी है. अगर आपने लगतार पांच महीने तक बिजली बिल (electricity bill) जमा नहीं किया है तो आपका स्मार्ट मीटर प्री-पेड हो जाएगा. सेण्ट्रल सर्वर (central server) उपभोक्ता का कनेक्शन आनलाइन प्री-पेड में बदल देगा. प्री-पेड होने पर उपभोक्ता बिना रीचार्ज कराए बिजली का उपयोग नहीं कर पाएंगे. एक बार कनेक्शन प्री-पेड (pre-paid connection) होने पर उसे दोबारा पोस्टपेड में बदला नहीं जा सकेगा. पावर कारपोरेशन (Power Corporation) ने स्मार्ट मीटर में इस नए फीचर को एड कराया है. ताकि उपभोक्ता बिल का भुगतान समय से करें. इससे कारपोरेशन को राजस्व मिलने की उम्मीद है साथ ही उपभोक्ता भी बकाए के झंझट से मुक्त रहेंगे.

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स्मार्ट मीटर में होगा ये फीचर Smart meter will have this feature

स्मार्ट मीटर के इस नए फीचर की जानकारी ऊर्जा निगम के चेयरमैन (chairman of Energy Corporation) ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग (video conferencing) में अफसरों को दी. उन्होंने कहा कि शक्तिभवन (Shaktibhavan) स्थित स्मार्ट मीटर का सेण्ट्रल सर्वर बकाया बढ़ने पर खुद ही निर्णय लेकर कनेक्शन को पोस्ट पेड से प्री-पेड में बदल देगा। प्रस्तावित फीचर अगले जल्द लांच होगा.

पिछले साल से सरकार लगा रही है स्मार्ट मीटर The government is installing smart meters since last year

बिजली निगम के मुताबिक शहर के सभी चार खंडों में पिछले साल स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत हुई. स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) कंपनी को सौंपा गया. 56 हजार से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। उपभोक्ताओं ने बिजली निगम की ओर से मांगे गए फीडबैक में सबसे ज्यादा शिकायत स्मार्ट मीटर की गति को लेकर की है. आरोप है कि स्मार्ट मीटर तेज चल रहे हैं. शिकायत के बाद भी अफसर कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. शहर में स्मार्ट मीटर वाले 27 सौ से ज्यादा बकायेदार लगातार कई महीने से बिजली का बिल नहीं जमा कर रहे हैं। बिजली निगम ने इनकी सूची बना ली है.

बिन नहीं भरा तो मीटर में हो जाएगा ये बदलाव If not filled, this change will happen in the meter

‘‘बकाया न जमा करने वाले स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को प्रीपेड में बदलने की तैयारी की जा रही है. स्मार्ट मीटर में ऐसी सुविधा है. इसके बाद उपभोक्ता पहले रुपये रीचार्ज करेंगे. फिर बिजली का उपभोग करेंगे. ऐसा होने से बिजली निगम का राजस्व बढ़ेगा.’’

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