प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में किसानों खासकर गन्ना किसानों (sugarcane Farmers) के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया. कैबिनेट ने गन्ने का लाभकारी मूल्य 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले से देश के 1 करोड़ से भी ज्यादा गन्ना किसानों को फायदा मिलेगा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ज़ी बिजनेस ने गन्ने के लाभकारी मूल्य को बढ़ाने जाने के फैसले पर पहले ही खबर की थी जिसमें कहा था कि सरकार गन्ना किसानों को बड़ी राहत देने जा रही है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने इस बारे में बताया कि सरकार ने गन्ने (sugarcane) का उचित एवं लाभकारी  ( Fair and Remunerative Price) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने को मंजूरी दे दी है. इससे एक करोड़ गन्ना किसानों को राहत मिलेगी. फिलहाल गन्ने का एफआरपी 275 रुपये क्विंटल है.

 

सरकार ने एक क्विंटल गन्ने का दाम 285 रुपये तय किया है. यह दाम 10 प्रतिशत रिकवरी के आधार पर है. अगर रिकवरी 11 परसेंट होती है तो किसान को 28.50 रुपये/ क्विंटल ज्यादा मिलेंगे. 

9.5 या उससे भी कम रिकवरी रहती है तो गन्ना किसान को 270.75 रुपये/ क्विंटल का दाम मिलेगा. 

 

गन्ने का एफआरपी

गन्ने के उचित तथा लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत तय किया जाता है. यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है. इस रेट पर चीनी मिल गन्ना किसानों से उनका गन्ना खरीदती हैं.

एथेनॉल की खरीद

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार चीनी मिलों ( sugar mills) से एथेनॉल (Ethanol) की भी खरीद करती है.  पिछले सीजन में 190 करोड़ लीटर एथेनॉल सरकार ने खरीदा था. 59 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरकार ने एथेनॉल की खरीद की थी.