Uniform Civil Code: देश में एक बार फिर से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तैयारियां तेज हो गई है. विधि आयोग (Law Commission) ने बुधवार को कहा कि उसने एक समान नागरिक संहिता (UCC) की आवश्यकता पर नए सिरे से विचार करने और सार्वजनिक और धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित विभिन्न हितधारकों के विचार जानने का फैसला किया है. इससे पहले, 21वें विधि आयोग ने, जिसका कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया था, इस मुद्दे की जांच की थी और UCC के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले पर दो अवसरों पर सभी हितधारकों के विचार मांगे थे.

22वें विधि आयोग में फिर होगी चर्चा

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आयोग ने एक बयान में कहा, "उक्त परामर्श पत्र को जारी करने की तिथि से तीन वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद, विषय की प्रासंगिकता एवं महत्व और इसपर विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए 22वें विधि आयोग ने मुद्दे पर नये सिरे से चर्चा करने का फैसला किया है."

 

उल्लेखनीय है कि 22वें विधि आयोग को हाल में तीन साल का कार्य विस्तार दिया गया है. इसने कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा एक पत्र भेजे जाने के बाद समान नागरिक संहिता से जुड़े विषयों की पड़ताल शुरू कर दी है.

30 दिन के अंदर दे सकते हैं सुझाव

बयान में कहा गया, "इसी के मुताबिक, 22वें विधि आयोग ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता पर व्यापक स्तर पर लोगों और मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगने का फैसला किया है."

इसमें रुचि रखने वाले इच्छुक लोग व संगठन नोटिस जारी होने की तारीख की 30 दिन की अवधि के अंदर विधि आयोग को अपने विचार दे सकते हैं.

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