एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसमें देश में बेरोजगारी को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 76 फीसदी वयस्क मानते हैं कि बेरोजगारी बड़ी समस्या है और इसमें पिछले पांच साल में कोई खास बदलाव नहीं आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2018 में अनुमानित 3.5 फीसदी बेरोजगारी दर के बावजूद 1.86 करोड़ भारतीयों के पास नौकरियां नहीं है और 39.37 करोड़ लोगों के रोजगार की दशा खराब थी और उन पर विस्थापन का खतरा बना हुआ था. यह आकलन अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय का है. 

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इसके बाद महंगाई भारतीयों के लिए चिंता का दूसरा मुख्य कारण है. रिपोर्ट के अनुसार, "अर्थव्यवस्था के अन्य पहलू भी लोगों की चिंता के प्रमुख कारण हैं. 10 से से सात लोग मानते हैं कि महंगाई बहुत बड़ी समस्या है." दूसरे देशों में लोगों की नौकरियां छूटने से भी भारत के सामने समस्या खड़ी हो रही है. 

यह बात सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कही गई है. रिपोर्ट के अनुसार, 10 से छह लोगों का मानना है कि इस तरह का आव्रजन एक समस्या है जिनमें 49 फीसदी वे लोग भी शामिल हैं जो इसे बहुत बड़ी समस्या मानते हैं. 

प्रवासी भारतीयों द्वारा 2016 में भारत स्थित अपने परिवार व रिश्तेदारों को विदेशों से 63 अरब डॉलर की रकम भेजी गई थी, जोकि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब तीन फीसदी थी.