Noida Twin Tower: पिछले कुछ दिनों से नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर काफी चर्चा में था, जिसे आखिरकार रविवार दोपहर गिरा ही दिया गया. लेकिन क्या इसका असर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घरों की मांग पर भी पड़ेगा? कम से कम इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स को तो ऐसा नहीं लगता है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने बताया कि ट्विन टावरों को गिराए जाने का और असर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मांग और कीमतों पर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के साल भर पर पहले आए इस फैसले से मार्केट पहले से ही काफी प्रभावित हो चुका है. वहीं 9 साल से भी लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इन इमारतों को गिराए जाने से कस्टमर्स के बीच कंज्यूमर राइट्स को लेकर भावना और बढ़ेगी.

इन बिल्डरों की बढ़ी मांग

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक्सपर्ट्स का मानना है कि हाल के वर्षों में अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले बिल्डरों द्वारा बनाई गई संपत्तियां मांग में हैं, क्योंकि लोगों को अक्सर पूरा पेमेंट करने के बाद भी लंबे समय तक अपना कब्जा लेने के लिए इंतजार करना पड़ता है. 

क्रेडाई एनसीआर (CREDAI NCR) के अध्यक्ष मनोज गौर ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ट्विन टावरों को गिराए जाने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कीमतों और मांग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि बिल्डिंग अभी गिराई गई है, लेकिन यह फैसला पुराना है और सेक्टर इससे आगे बढ़ गया है.

3,700 किलोग्राम विस्फोटक का हुआ इस्तेमाल

नोएडा ट्विन टावर्स- एपेक्स (32 मंजिला) और सेयेन (29 मंजिला) - को रविवार को 12 सेकंड में ध्वस्त कर दिया गया. यह देश में अभी तक का सबसे बड़ा ध्वस्तीकरण था. ट्विन टावरों को 100 मीटर ऊंचे ढांचे को मलबे के एक बड़े ढेर में बदलने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था. 

भ्रष्टाचार के लिए जीरो टॉलरेंस

हाउसिंग ब्रोकरेज फर्म एनारॉक (Anarock) के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने कहा कि ट्विन टावरों के गिराए जाने से यह मैसेज जाता है कि अधिकारियों और न्यायपालिका में किसी भी भ्रष्टाचार के लिए जीरो टॉलरेंस है. यह सिस्टम में उपभोक्ताओं के विश्वास को मजबूत करता है और उन्हें काफी हद तक सशक्त बनाता है. खरीदार आज अधिक समझदार हैं और एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड के साथ डेवलपर्स और परियोजनाओं के साथ जाना पसंद करते हैं.

कुमार ने कहा, "जबकि विध्वंस ने बहुत ध्यान आकर्षित किया, इस कार्रवाई के कारण कीमतों के प्रभावित होने की संभावना नहीं है. इसके विपरीत, खरीदार अब अचल संपत्ति की खरीद के लिए सुरक्षित और अधिक सुरक्षित महसूस कर सकते हैं."